कछार, ०४ अक्टूबर (हि.स.) । सिलचर के लाइफ लाइन हॉस्पिटल द्वारा मृत घोषित किए गए एक नवजात शिशु के जीवित होने को लेकर जिला मुख्यालय शहर सिलचर में उत्तेजना का माहौल है। आज सुबह अस्पताल के डॉक्टरों ने नवजात शिशु को यह कहते हुए मृत घोषित कर दिया कि बच्चे की मौत मां के पेट में ही हो चुकी है। इसके बाद शिशु को मुर्दाघर में भेज दिया गया। शिशु के काफी समय तक मुर्दाघर में रहने के बाद उसके परिवार वालों द्वारा उसे श्मशान में ले जाया गया। लेकिन, अंतिम संस्कार से ठीक पहले देखा गया कि शिशु जीवित है। शिशु को जीवित देखकर परिवार वाले खुश हो गए और उन्हें बच्चे के अंतिम संस्कार से ठीक पहले चमत्कार होने जैसा दिखा। लेकिन, यह समझते देर न लगी कि चिकित्सकों ने जीवित शिशु को ही मृत घोषित कर दिया था, क्योंकि मरा हुआ कोई बच्चा फिर से जीवित नहीं हो सकता है। यह घटना सिलचर के रंगीरखारी इलाके में स्थित लाइफलाइन हॉस्पिटल नामक एक निजी अस्पताल में हुई। यदि परिवार वालों द्वारा थोडी में सी असावधानी बरती जाती तो जीवित शिशु को दफनाने जैसी जघन्य घटना घट जाती। शिशु के परिवार वालों ने अस्पताल के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग करते हुए मामले की जांच की भी मांग की है। इस सिलसिले में अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि गलती से इस प्रकार की घटना हुई।