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(शीतल निर्भीक ब्यूरो) नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट और वक्फ मामले में हस्तक्षेप याचिका दाखिल करने वाली एडवोकेट रीना एन सिंह ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने पंजीकृत वक्फ संपत्तियों की डीनोटिफिकेशन पर अगली सुनवाई तक रोक लगाई है । यह अंतरिम केवल इन संपत्तियों तक सीमित है रीना एन सिंह ने कहा कि इसके विपरीत मौखिक वक्फ और गैर पंजीकृत वक्त संपत्तियों की डीनोटिफिकेशन पर कोई रोक नहीं लगाई है इसका तात्पर्य है कि सरकार इन फर्जी मौखिक या दस्तावेज विहीन वक्फ दावों की जांच और निरस्तीकरण की प्रक्रिया को जारी रख सकती है रीना एन सिंह ने कहा कि यह आदेश देश भर में वक्फ संपत्तियों को लेकर चल रहे विवादों में एक निर्णायक मोड़ ला सकता है और असली वक्फ संपत्तियां तथा झूठे दावों के बीच स्पष्ट रेखा खींच सकता है।उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश केवल एक अंतरिम आदेश है यह स्थाई आदेश नहीं है। उन्होंने कहा कि अदालत के आदेश को वैधानिक दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए जब सरकार एक हफ्ते के भीतर अपना हलफनामा दाखिल करेगी उसके बाद अदालत तय करेगा की कानून की वैधानिकता क्या है। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह का समय देना एक वैधानिक प्रक्रिया है इसे हार जीत के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए रीना एन सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भारत संघ के द्वारा बनाए गए नए वक्फ कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया । यह सरकार की बड़ी जीत है।उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अदालत को आश्वस्त किया गया है कि धारा 9 और 14 के तहत परिषद और बोर्ड में कोई नियुक्ति नहीं की जाएगी। सुनवाई की अगली तारीख तक वक्फ जिसमें पहले से रजिस्टर्ड या नोटिफिकेशन के जरिए से घोषित वक्फ बाय यूजर शामिल है, को न तो डिनोटिफाई किया जाएगा और न ही उसमें कलेक्टर कोई बदलाव कर सकेगा।





















