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वरिष्ठ पत्रकार मणिशंकर पुरकायस्थ के निधन से घाटी में शोक

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काठीघोड़ा के जाने-माने पत्रकार और प्रांतज्योति दैनिक के बिहारा संवाददाता और काठीघोड़ा वर्किंग जर्नलिस्ट गिल्ड के सलाहकार मणिशंकर पुरकायस्थ का निधन हो गया। वरिष्ठ पत्रकार मणिशंकर पुरकायस्थ ने सोमवार रात करीब 10.15 मिनट पर शिलचर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में अंतिम सांस ली। मृत्यु के समय उनकी आयु 52 वर्ष की थी। वे परिवार में पत्नी, एक बेटा और एक बेटी को छोड़ गये। प्रान्तज्योति दैनिक के ओर से संवादिक मणिशंकर पुरकायस्थ के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया गया। उनके निधन की खबर सोमवार रात को काठीघोड़ा क्षेत्र में पहुंचने के बाद शोक की लहर उमड़ पड़ी। सोमवार देर रात शिलचर से उनके बिहारा आवास पर पार्थिव शरीर पहुंचने के बाद ठंड की रात मे भी उनको देखने के लिए सैकड़ों की भीड़ उमड़ पड़ी। मंगलवार सुबह सैकड़ों लोगों ने घर पर ही उन्हें अंतिम विदाई दी। उनके रिश्तेदारों सहित स्थानीय लोग शोक मे डूबे हुए थे। उस दिन दिवंगत मणिशंकर पुरकायस्थ को अंतिम श्रद्धांजलि दी काठीघोड़ा वर्किंग जर्नलिस्ट गिल्ड के महासचिव सुमन दास, ‘इशानेर शंखनाद’ गोष्टी के मुख्य संपादक प्रदीप्त पुरकायस्थ, त्रैमासिक कस्तूरी साहित्य पत्रिका के संपादक मानस कांति चक्रवर्ती, प्रेरणा भारती के पत्रकार बनमाली शुक्लवैद्य, पत्रकार बिप्लब करचौधरी, भाजपा पदाधिकारी निवास दास, गणमान्य व्यक्ति अपू दास, मनोजित गोस्वामी, गड़ेरभीतर जीपी के एपी सदस्य निपु शील, कालाइन जीपी के प्राक्तन सभापति संदीप दास, बिहारा देशबन्धु क्लब ओर सेवाशक्ति क्लब के कार्यकर्ता गण। उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया बड़खला के पूर्व विधायक डः रुमी नाथ, पश्चिम काठीघोड़ा के पूर्व जिला परिषद सदस्य सुब्रत चक्रवर्ती, उत्तर काठीघोड़ा की पूर्व जिला परिषद सदस्या रत्ना रानी दास, गड़ेरभीतर जीपी अध्यक्ष अनामिका देव, सामाजिक कार्यकर्ता जयदीप देव, कालाइन ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष विशाल सरकार और अन्य ने। उनका अंतिम संस्कार मंगलवार सुबह करीब नौ बजे बिहारा बाजार के श्मशान घाट में किया गया। वे कई वर्षों से मधुमेह से पीड़ित थे। अग्नाशयशोथ भी गुर्दे की एक बीमारी है। शरीर में सोडियम का स्तर भी अक्सर कम हो जाता था। बीस दिन पहले वह हैदराबाद से इलाज करवाकर आए थे। शनिवार को उनकी हालत बिगड़ने पर परिजनों ने उन्हें शिलचर के एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती करवाया। यहां उनकी स्थिति में ज्यादा सुधार न होने की बजह से उन्हें शिलचर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया। हालत नाजुक होने पर उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया था, पर कोई लाभ नही मिला, सबके प्रिय मणिशंकर पुरकायस्थ का निधन हो गया।
       स्वर्गीय मणिशंकर पुरकायस्थ क्षेत्र में एक मुखर व्यक्तित्व के रूप में जाने जाते थे। वे पत्रकार, लेखक, अनुगल्पकार और एक कवि के रूप मे परिचित थे। विशेष रूप से, स्वर्गीय मणिशंकर पुरकायस्थ द्वारा संपादित सत्यदर्शन साहित्य पत्रिका को एक समय घाटी के बौद्धिक माहौल में अच्छी प्रतिक्रिया मिली थी। इसमें घाटी के कई प्रख्यात कवियों और लेखकों ने लिखा है। स्वर्गीय मणिशंकर पुरकायस्थ आधुनिक समाचार जगत में काठीघोड़ा की खबर प्रकाशित करने वाले पहले लोगों में से एक थे। 2009 में वे प्रान्तज्योति दैनिक के पुनर्वार शुभारंभ के बाद से अपने जीवन के अंतिम दिन तक बिहारा के प्रतिनिधि के रूप में काम कर रहे थे। स्वर्गीय मणिशंकर पुरकायस्थ काठीघोड़ा वर्किंग जर्नलिस्ट गिल्डर के सलाहकार भी थे। स्वर्गीय मणिशंकर पुरकायस्थ बिहारा युधिष्ठिर साहा हायर सेकेंडरी स्कूल के प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष भी थे। उन्होंने बिहारा रामकृष्ण सेवा समिति के गठन में भी बहुत योगदान किया। प्रमुख लोगों ने विचार व्यक्त किया है कि उनके निधन से काठीघोड़ा के मिडिया जगत को अपूरणीय क्षति हुई है।

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