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दुमदुमा 18 अक्टूबर: सरकार द्वारा असम में उच्च कक्षाओं में हिंदी विषय को बन्द करने पर अखिल असम भोजपुरी परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष कैलाश गुप्ता ने आपत्ति जताई है। उन्होंने बताया कि हिंदीभाषी असम के मिट्टी हवा में रच बस गये है और हिंदीभाषी असम के संस्कृति का अभिन्न अंग है। असम के विकास में हिंदीभाषियों का अहम योगदान है।आज भारतीय जनता पार्टी की सरकार हिंदी भाषियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है।मिशन बसुनंधरा में सही कागजात होने के बावजूद भूमि पट्टा नहीं हुआ। जाति प्रमाण पत्र में कठिनाई उठानी पड़ रही है। NRC के वक्त ली गई बायोमैट्रिक पद्धति द्वारा किए जाने के कारण आधार कार्ड बनाने में कठिनाईयां हो रही है। आज तक सरकार ने इस मामले में कोई संज्ञान नहीं लिया। शिलचर से प्रकाशित हिन्दी दैनिक समाचार प्रेरणा भारती पर असम के मंत्री पियूष हजारिका ने जो धमकी देकर सरकारी विज्ञापन बन्द करने की बात कही, ये दुर्भाग्यपूर्ण हैं। उन्होंने कहा मिडिया का स्वतंत्र अधिकार है, उसे धमकी दे कर समाचार नहीं रुकवा सकते। सरकार जल्द से जल्द हिन्दी पर प्रतिबंध को खारिज करे तथा मांगों पर ध्यान दें कर पुरा करें अन्यथा हमलोग गणतांत्रिक आन्दोलन करने पर बाध्य होंगे।