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“वर्तमान परिदृश्य में युवा वर्ग का मानसिक स्वास्थ्य” प्रणबानंद इंटरनेशनल स्कूलके ने ‘विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवसमें’ आलोचना

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दिनांक – १०/ १०/ २०२३ को, सिलचर में प्रणबानंद इंटरनेशनल स्कूल ने एक महत्वपूर्ण और व्यावहारिक कार्यक्रम के साथ “विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस” मनाया।  इस अवसर पर स्कूल के प्रिंसिपल डॉ. ‘पार्थ प्रदीप अधिकारी’ की उपस्थिति रही, जिन्होंने मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर, विशेष रूप से बच्चों और किशोरों के संबंध में, एक विचारोत्तेजक अभिव्यक्ति व प्रवचन दिया।  उनका भाषण इस विचार के इर्द-गिर्द घूमता था कि जबकि हम अक्सर बच्चों को प्रेरित करने और सिखाने के प्रयास में उनकी तुलना उनके साथियों से करते हैं, यह अभ्यास हानिकारक हो सकता है और गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है।
शारीरिक स्वास्थ्य के साथ- साथ मानसिक स्वास्थ्य की समानता पर डॉ. ‘अधिकारी’ का जोरदार अभिभाषण श्रोताओं व दर्शकों को गहराई से पसंद आया।  उन्होंने दोहराया कि बच्चों की भावनात्मक भलाई का पोषण करना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि उनके शारीरिक स्वास्थ्य को सुनिश्चित करना।  प्रिंसिपल की अंतर्दृष्टि कम उम्र से ही मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को संबोधित करने की तात्कालिकता पर प्रकाश डालती है, जिससे छात्रों को लचीलापन और भावनात्मक बुद्धिमत्ता विकसित करने में मदद मिलती है।
स्कूल के वाइस प्रिंसिपल व उप प्राचार्य महोदय श्री नीलोत्पल भट्टाचार्जी ने भी इस विषय पर अपना ज्ञान साझा किया।  उन्होंने उन चुनौतियों और संघर्षों पर ध्यान केंद्रित किया जिनका किशोरों को उनके विकास के वर्षों के दौरान सामना करना पड़ता है।  श्री भट्टाचार्जी ने माता-पिता और शिक्षकों को युवावस्था से गुजर रहे किशोरों के साथ व्यवहार करते समय क्या करें और क्या न करें के बारे में अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान किया।  उनकी बातचीत ने किशोरों के लिए जीवन के इस चरण की जटिलताओं से निपटने के लिए सहानुभूति, खुले संचार और एक सहायक वातावरण की आवश्यकता को रेखांकित किया।
इसके अलावा, सामाजिक रूप से उपयोगी उत्पादक कार्य (एसयूपीडब्ल्यू) और दृश्य कला व चित्रकला शिक्षक श्री सागर रॉय की भागीदारी के माध्यम से समग्र शिक्षा के लिए स्कूल की प्रतिबद्धता का उदाहरण दिया गया।  उन्होंने चर्चा की कि कैसे मज़ेदार और रचनात्मक गतिविधियाँ बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं।  श्री रॉय की प्रस्तुति ने भावनात्मक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए छात्रों को आनंददायक और उत्तेजक गतिविधियों में शामिल करने के महत्व पर जोर दिया।
यह उत्सव एक सामूहिक प्रयास था, जिसमें पूरे स्कूल सदस्य व स्टाफ और छात्रों की सक्रिय भागीदारी थी।  विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाने के लिए पूरे स्कूल समुदाय को एक साथ आते देखना सुखद था, जो इस उद्देश्य के प्रति स्कूल की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।  इस कार्यक्रम ने मानसिक स्वास्थ्य के विषय पर खुली चर्चा को प्रोत्साहित किया, एक सहायक माहौल को बढ़ावा दिया जहां छात्र और शिक्षक अपने अनुभव और चिंताओं को साझा कर सकें।
अंग्रेजी विभाग के प्रमुख श्री पन्ना पॉल द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम आशापूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।  उन्होंने सभी प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया और स्कूल से मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों पर नियमित सेमिनार और कार्यशालाएं आयोजित करने पर विचार करने का आग्रह किया।  इस पहल से न केवल छात्रों को लाभ होगा, बल्कि माता-पिता और शिक्षकों के बीच जागरूकता भी पैदा होगी, जिससे वे युवा पीढ़ी के मानसिक कल्याण का बेहतर समर्थन कर सकेंगे।
संक्षेप में, प्रणबानंद इंटरनेशनल स्कूल द्वारा विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाना, विशेषकर बच्चों और किशोरों के बीच मानसिक स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम था।  स्कूल के नेतृत्व, कर्मचारियों और छात्रों के योगदान ने भावी पीढ़ी की भावनात्मक भलाई को पोषित करने के लिए गहरी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया, यह पुष्टि करते हुए कि स्कूल केवल शैक्षणिक शिक्षा के लिए एक संस्थान नहीं है, बल्कि एक ऐसा स्थान है जो इसके समग्र विकास की परवाह करता है।  छात्र.  इस आयोजन ने अन्य शैक्षणिक संस्थानों के लिए अपने पाठ्यक्रम और पाठ्येतर गतिविधियों में मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को प्राथमिकता देने के लिए एक प्रेरणा के रूप में चम्मच कार्य किया, अंततः एक अधिक भावनात्मक रूप से लचीले और मानसिक रूप से स्वस्थ समाज में योगदान दिया।

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