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गुवाहाटी, 11 सितंबर (हि.स)। असम विधानसभा का पांच दिवसीय शरदकालीन सत्र आज से असम विधानसभा के नवनिर्मित भवन में शुरू हुआ। इसके पहले दिन विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव पेश किया। जिसे मुख्यमंत्री की आग्रह पर विशेष रूप से चर्चा के लिए सदन में मंजूर कर लिया गया। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी की मौजूदगी में विपक्ष के कई विधायकों ने आज विधानसभा में प्रश्नकाल सुचारू रूप से चलने के बाद स्थगन प्रस्ताव पेश किया।
इनमें विधायक अखिल गोगोई, मनोरंजन तालुकदार और विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया और बहरी के विधायक ने भी बिजली की कमी को लेकर स्थगन प्रस्ताव पेश किया। इसी तरह, एआईयूडीएफ विधायक अमीनुल इस्लाम ने बजरंग दल द्वारा हथियारों का प्रशिक्षण देने और इसके माध्यम से सामाज में जहर फैलाने का आरोप लगाया।
इसी बीच, विधानसभा अध्यक्ष दैमारी के इस मुद्दे पर फैसला सुनाने से पहले मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने सदन से विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव को स्वीकार करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र में विपक्ष की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। चूंकि आज असम विधानसभा के नए विधानसभा भवन में यह पहला सत्र है, इसलिए स्थगन प्रस्ताव पर विपक्ष को प्राथमिकता देते हुए आज चर्चा होनी चाहिए। इसके बाद स्पीकर इस पर चर्चा के लिए तैयार हो गए और विधायकों और पार्टियों को इस संबंध में दिए जाने वाले समय का निर्णय करने के लिए सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
उल्लेखनीय है कि सत्र शुरू होने के पूर्व महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया।
विधानसभा सत्र के पहले दिन शिवसागर के विधायक अखिल गोगोई ने विरोध प्रदर्शन किया। अखिल गोगोई ने हाथ में दीपक और पंखा लेकर अनियमित बिजली आपूर्ति का विरोध किया।
दूसरी ओर, विधायक प्रशांत फूकन ने कहा कि बिजली ऐसी चीज नहीं है जिसे बाजार में खरीदा जा सके। अखिल गोगोई ने बिजली काटने पर भी विरोध किया है। एनएचपीसी के निर्माण में भी बाधा डाली। सब कुछ एक प्रणाली पर चलना चाहिए। हम पानी में उतर आए हैं। अब हम अपने हाथ और पैर पीटते हैं।