शिलचर, 19 अगस्त:विश्व फोटोग्राफी दिवस के अवसर पर गुरुचरण विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग की ओर से “Photography: Language of Art” विषय पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया।
फोटोग्राफी आज केवल शौक ही नहीं, बल्कि आत्म-अभिव्यक्ति और पेशेवर करियर का एक महत्वपूर्ण माध्यम बन चुका है। इसी रचनात्मकता और समर्पण को सम्मान देने के उद्देश्य से यह दिवस विश्वभर में मनाया जाता है।
कार्यशाला की शुरुआत विभागाध्यक्ष डॉ. संदीपा दास शील ने की। उन्होंने कहा—“स्मार्टफोन और डिजिटल मीडिया के युग में लगभग हर व्यक्ति फोटोग्राफर बन चुका है। कुछ क्लिक से हम यादों को सहेज सकते हैं और प्रकृति की सुंदरता को नज़दीक से महसूस कर सकते हैं। लेकिन फोटोग्राफी को पेशेवर रूप देने के लिए तकनीकी दक्षता आवश्यक है, और इसी उद्देश्य से इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है।”
बराक घाटी के प्रख्यात फोटो पत्रकार पार्थ शील ने कार्यशाला में छात्रों को कैमरे की बुनियादी तकनीक, शटर स्पीड और एपर्चर सेटिंग के साथ-साथ प्रकाश व्यवस्था के महत्व पर प्रशिक्षण दिया। उन्होंने मोबाइल फोटोग्राफी और प्रोफेशनल कैमरे दोनों के प्रयोग को व्यावहारिक ढंग से समझाया।
कार्यक्रम के समापन पर विभाग के अतिथि प्राध्यापक ज्योतिष दत्त ने अपने अनुभव साझा करते हुए छात्रों को प्रेरित किया और संसाधन व्यक्ति को धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त कर फोटोग्राफी की बारीकियों को नज़दीक से समझा।





















