
गुवाहाटी 16 अप्रैल: 14 अप्रैल को प्रातःकाल बेला में असम के सभी गाँव में किसान गोपालक भाई बहन अपने- अपने गाय बैल, बछड़े, बछिया सभी गोवंश को गांव के पास नदी, तालाब व जहाँ पानी की सुविधा रहतीं है वहाँ गोरु बिहू के दिवस हल्दी, तिल, काला उरद दाल, सात लगाकर गाय को नहलाने की प्राचीन परंपरा को असमवासी ने बड़े प्रेम से पालन किया। उसी परंपरा में लाव खा, बैगन खा दिन दिन बढ़ते जा मारे खोढू बापरे खोढू ते हवी बड बड गोरु को आगे बढ़ाते हुए विहिप गोरक्षा आयाम के द्वारा असम में सभी शहरों में नदी के किनारे गोरु बिहू का पालन गतवर्ष से शुरू किया गया। जो 14 अप्रैल को गुवाहाटी में लाचित बडफूकन की प्रतिमा के पास सम्पन्न हुआ। जिसमें विश्व हिन्दू परिषद के क्षेत्रीय संगठन मंत्री डा. दिनेश तिवारी जी एवं प्रान्त, जिला के अनेक कार्यकर्ता सहभागी बने, डिब्रूगढ़ में विश्व हिन्दू परिषद विभाग गोरक्षा प्रमुख सुधीर केजरीवाल जी ने डिब्रूगढ़ गोशाला में विहिप गोरक्षा, मारवाड़ी युवा शाखा एवं गौशाला समिति ने मिलकर गोरु बिहू कार्यक्रम मनाया, लखीमपुर, हरेकृष्ण गौशाला में फूलबाड़ी एवं जियाजुली गाँव में विहिप गोरक्षा केन्द्रीय मंत्री श्री उमेश चन्द्र पोरवालजी, बिराज फूकन जी, विहिप जिला गोरक्षा प्रमुख डिंपी पारीक जी, लखीमपुर युवा महिला मारवाड़ी शाखा की सुहानी झावर, प्रियंका राठी, सुमन पटवारी, सुजाता चौधरी सहित बजरंगदल जिला संयोजक और सह संयोजक सहित परिषद के अनेक कार्यकर्तागण उपस्थित रहें।
कार्बीआंलोग, में विभाग गोरक्षा प्रमुख विहिप श्री विनोद ओझा जी ने श्री शिव मंदिर कारागांव में गोरु बिहू मानाया, जिसमें खेम नाथ उपाध्याय, सुरेश जी आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे। जोरहाट में श्री गीता आश्रम गौशाला में व नगांव में गोरु बिहू का आयोजन सम्पन्न हुआ। जिसमें माताओं बहनों ने भाईयों ने अपनी अपनी सहभागिता निभाई। आज असम सरकार ने बिहू को वर्ल्ड रिकॉर्ड गिनीज बुक में दर्ज कराया, जिसमें देश के मा-प्रधानमंत्री जी ने इस असमिया परंपरा के रंगाली बिहू में 11000 एक साथ नृत्य बिहू को पुरा दुनिया बडे़ गर्व से देख रहीं हैं।





















