उधारबंद, 14 जून:
भारत एक विविधताओं से भरा देश है, जहाँ आर्य, अनार्य, शक, हूण, पठान और मुग़ल जैसी अनेक संस्कृतियाँ समय के साथ भारतीय संस्कृति की मुख्यधारा में समाहित हो चुकी हैं। इसी विविधता का जीवंत उदाहरण देखने को मिला शिलचर के गांधी भवन में आयोजित वैशाख सुंदरी प्रतियोगिता 2025 में। यह कार्यक्रम एन.के. आर्ट स्टूडियो और निक्कन सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और उद्घाटन गीत से हुई। इसके बाद मंच पर एक के बाद एक नृत्य प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। निर्वाण डांस अकादमी, विभांगन डांस अकादमी, श्रद्धा डांस अकादमी, फिट्स फैमिली डांस अकादमी और नटराज डांस अकादमी के कलाकारों ने अद्भुत प्रस्तुति दी। भीषण गर्मी के बावजूद कलाकारों के उत्साह और नृत्य की सुंदरता ने दर्शकों की वाहवाही बटोरी।
कार्यक्रम के बीच में विशिष्ट लोगों को वैशाख सुंदर सम्मान से सम्मानित किया गया। सम्मान प्रदान किए निक्कन संगीत विद्यालय के प्रधानाचार्य शुभ्रांशु नाथ मजूमदार ने।
प्रतियोगिता के दूसरे चरण में श्रीमान सुंदर और श्रीमती सुंदरी 2025 की घोषणा की गई। इस वर्ष का ताज श्रेयान राय और वेदांतिका धर के सिर सजा। निर्णायक मंडल में शामिल थे – डॉ. देवस्मिता नाथ, डॉ. मिली सिन्हा, बिप्लव दे (नेक्सा के जनरल मैनेजर), तथा डॉ. पिनाक पानी मोहंता।
प्रतियोगिता तीन समूहों में आयोजित की गई – ग्रुप ए, ग्रुप बी और ग्रुप सी।
- ग्रुप ए में विजेता रहीं देवांशी नाथ और सुमना राय
- ग्रुप बी में प्रथम स्थान समर्पिता चौधरी को तथा द्वितीय स्थान वेदांतिका धर को मिला
- ग्रुप सी में विजेता बनीं आर्षिका राय और दूसरे स्थान पर रहे प्रणव शुक्लबैद्य
विशेष आकर्षण था माँ-बेटा/बेटी की संयुक्त प्रस्तुति, जिसमें भाग लिया –
रूबी दास और चंद्रिमा दास, मोनाली नाथ और मनस्विता नाथ, प्रियासमा, प्रियंका चौधरी और आराध्या चौधरी, अनामिका नाथ और हर्षित नाथ।
विजेताओं को स्मृति चिह्न, उपहार और प्रमाणपत्र भेंट किए गए।
2024 की श्रीमती सुंदर विजेता अनामिका दास ने ‘नव आनंदे जागो’ पर नृत्य प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम का संचालन किया – संदीप दे, पल्लव दे और हीरा राय ने।
कार्यक्रम की शुरुआत में पहलगाम और अहमदाबाद विमान दुर्घटना में दिवंगत लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए एक मिनट का मौन रखा गया।
कार्यक्रम के समापन पर निक्कन संस्था के प्रधानाचार्य शुभ्रांशु नाथ मजूमदार ने कहा,
“बराक घाटी के कोने-कोने में प्रतिभा छिपी हुई है। उन प्रतिभाओं को मंच देना और उन्हें निखारना ही हमारा उद्देश्य है। हमें समाज से बहुत सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है।”




















