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शब्दाक्षर’ संस्था के तीन आयोजन संपन्न

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कोलकाता/जहानाबाद: शब्दाक्षर के तीन कार्यकम, पश्चिम बंगाल प्रदेश इकाई का काव्य अनुष्ठान, जहानाबाद जिला समिति, बिहार का काव्योत्सव एवं 25 दिसम्बर को कवि अटल बिहारी वाजपेई की शतकीय जयंती पर काव्यांजलि कार्यक्रमों का आयोजन भव्यपूर्ण ढंग से संपन्न हुए। नए वर्ष के स्वागत में 33 शेक्सपियर सरणी के सभागार में शब्दाक्षर प्रदेश इकाई का सरस समारोह रविवार को संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता हावड़ा जिला इकाई की अध्यक्ष सुधा मिश्रा द्विवेदी ने की। शब्दाक्षर के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह प्रधान अतिथि के रूप में, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष तारक दत्त सिंह व राष्ट्रीय सलाहकार आनंद किशोर मिश्रा ‘मुन्ना’ विशिष्ट अतिथि के रूप तथा सुरेश चंद्र गुप्त मुख्य अतिथि की भूमिका में मंचासीन थे। प्रथम सत्र में उत्तर 24 परगना जिला की साहित्य मंत्री कविता साव की पुस्तक का लोकार्पण भी हुआ। उक्त कार्यक्रम में केक काटकर नए वर्ष का आगमनपूर्व स्वागत किया गया। कार्यक्रम का संयोजन-संचालन प्रदेश अध्यक्ष पश्चिम बंगाल डॉ. उर्वशी श्रीवास्तव ने किया। काव्य-पाठ करने वाले रचनाकारों में-विजय वत्स इस्सर, रामनारायण झा, शकील अनवर, कुन्दन प्रसाद, रामजी जैसवारा, नज़ीर राही, कवि अशेष, जावेद मजीदी, राघव साव, मो. नसरूल्लाह, मुन्नी साव, अनुज कुमार, सपना सेठ, कविता साव, जतीब हयाल, ओमप्रकाश चौबे, प्रदीप कुमार धानुक, संजय कुमार मिश्र, मो.अयूब, डॉ.अतुल श्रीवास्तव व गौरी शंकर दास शामिल थे।
वहीं जहानाबाद, बिहार के आयोजन में बड़ी संख्या में महिलाओं ने सहभागिता करके अपना काव्य जौहर दिखाया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश अध्यक्ष मनोज कुमार मिश्र ‘पद्मनाभ’ ने, जिला अध्यक्ष जहानाबाद सावित्री सुमन की सक्रियता की सराहना करते हुए ‘शब्दाक्षर’ के साहित्यिक सेवा प्रकल्पों की जानकारी दी। इस अवसर पर शब्दाक्षर बिहार की कर्मठ प्रदेश साहित्य मंत्री मानसी सिंह का साहित्यिक सम्मान किया गया। इससे पहले 25 दिसम्बर को सहृदय कवि एवं आधुनिक भारतीय राजनीति के मार्गदर्शक प्रातः स्मरणीय कवि अटल बिहारी वाजपेई जी की शतकीय जयंती मनाई गई। राष्ट्रीय साहित्यिक संस्था ‘शब्दाक्षर’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह, कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ. उर्वशी श्रीवास्तव, मुख्य अतिथि रणजीत भारती तथा कार्यक्रम संयोजक गौरी शंकर दास सह समस्त काव्य प्रेमियों ने अटल जी को पुष्पांजलि अर्पित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की। कार्यक्रम की शुरुआत रणजीत भारती द्वारा माँ शारदे की वंदना से हुई। कार्यक्रम दो सत्रों में विभक्त होकर, वक्तव्य सत्र एवं काव्य सत्र में सम्पादित हुआ। कार्यक्रम का कुशल संचालन प्रदीप कुमार धानुक ने किया। वक्तव्य सत्र के दौरान ओम प्रकाश चौबे, राम नारायण झा, शुभ्र बैनर्जी व रवि प्रताप सिंह ने अटल जी के हिंदी भाषा में योगदान तथा भारतीय राजनीति में उनकी भागीदारी की महत्ता को रेखांकित किया तो दूसरी ओर ईशा गुप्ता ‘गीतिका’ ने ‘अटल जी की 100वीं जयंती’ शीर्षक के अंतर्गत अपने शोध पत्र का वाचन किया। काव्य सत्र के दौरान मंचासीन रचनाकारों के अतिरिक्त ओम ओमप्रकाश चौबे, राम नारायण झा, राम औतार ठाकुर, रामजी जैसवारा ,रणजीत भारती, कविता साव, मुन्नी साव, राधव साव, जय प्रकाश सिंह, नीलम गुप्ता, डॉ. अतुल श्रीवास्तव , नस्तर शहूदी, भारत भूषण शर्मा तथा अनुज कुमार ने काव्य पाठ से सभागार को गुंजित किया। कवयित्री कविता साव ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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