नई दिल्ली. दिल्ली शराब घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग केस में आज राउज एवेन्यू कोर्ट में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. खराब सेहत और मेडिकल टेस्ट का हवाला देते हुए सीएम केजरीवाल ने कोर्ट से सात दिनों की अंतरिम जमानत मांगी की, लेकिन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनकी इस अपील का विरोध किया. काफी बहस के बाद कोर्ट ने ये फैसला सुनाया कि अरविंद केजरीवाल को रविवार (2 जून) को तिहाड़ में सरेंडर करना होगा. कोर्ट अब 5 जून को उनकी अंतरिम जमानत पर फैसला सुनाएगा.
जांच एजेंसी के लिए कोर्ट में पेश हुए एएसजी एसवी राजू ने कहा कि शुक्रवार (31 मई) को केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि वो 2 जून को सरेंडर करेंगे. इस दौरान उन्होंने ये नहीं कहा कि वो कोर्ट के आदेश का इंतजार करेंगे. ऐसे में वह मेडिकल ग्राउंड पर बयान देकर कोर्ट को गुमराह कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने पिछले आदेश में ये नहीं कहा था कि केजरीवाल अपनी अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग को लेकर याचिका दाखिल कर सकते हैं.
वहीं अरविंद केजरीवाल के वकील एन हरिहरन ने अदालत के सामने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि अब ईडी पहले ये तय करेंगी कि सीएम की याचिका सुनवाई योग्य भी है या नही? हरिहरन ने पूछा कि ईडी यह सुझाव देना चाहती है कि जो व्यक्ति बीमार है, उसे कोई उपचार नहीं मिलेगा? वकील ने आगे कहा कि बीमारी के वक्त उपचार लेना मेरा अनुच्छेद-21 का अधिकार है. सुप्रीम कोर्ट ने हमें जमानत अर्जी दाखिल करने की छूट दी थी, उसी आधार पर हमने नियमित और अंतरिम जमानत मांगी है.
केजरीवाल के वकील ने खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि मैं 1994 से शुगर का मरीज हूं, पिछले 30 साल से मेरा शुगर डाउन रहता है. मैं 54 यूनिट इंसुलिन रोज लेता हूं, मेरा स्वास्थ्य सही नहीं है. अपने स्वास्थ्य का इलाज करवाना मेरा अधिकार है. सारी रिपोर्ट हमने कोर्ट के समक्ष रखी है.