प्रे.स. शिलचर, 23 मार्च: भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपनी अमर शहादत देने वाले वीर क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की 95वीं शहादत दिवस आज शिलचर में श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया गया। इस अवसर पर छात्र संगठन एआईडीएसओ, युवा संगठन एआईडीवाईओ, महिला संगठन एआईएमएसएस, और किशोर-किशोरी संगठन कोमसोल के कछार जिला कमेटी द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
आज सुबह 8 बजे शिलचर के खुदीराम बोस की प्रतिमा स्थल पर इन महान स्वतंत्रता सेनानियों का अस्थायी चित्र स्थापित कर श्रद्धा-सुमन अर्पित किए गए। इस श्रद्धांजलि सभा में एआईडीवाईओ काछार जिला कमेटी के सह-अध्यक्ष परितोष भट्टाचार्य, एआईडीएसओ के जिला अध्यक्ष स्वागता भट्टाचार्य, राज्य कमिटी के सदस्य प्रशांत भट्टाचार्य, जिला सह-अध्यक्ष साबिर अहमद, एआईएमएसएस की ओर से खदीजा बेगम, और कोमसोल की ओर से स्वरूप मलाकार सहित बड़ी संख्या में संगठनों के कार्यकर्ता व नागरिक उपस्थित थे।
इस अवसर पर आयोजित सभा में युवाओं को संबोधित करते हुए परितोष भट्टाचार्य ने कहा कि भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने देश के शोषित-पीड़ित जनता की आज़ादी के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूमा। उन्होंने कहा कि भले ही भारत ने राजनीतिक स्वतंत्रता प्राप्त कर ली, लेकिन आज भी देश में पूंजीपतियों का शोषण जारी है, शिक्षा को व्यवसाय बना दिया गया है, बेरोजगारी चरम पर है और महिलाओं पर अत्याचार बढ़ रहे हैं। उन्होंने युवाओं से भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के विचारों से प्रेरणा लेकर व्यापक जनांदोलन खड़ा करने का आह्वान किया।
इसके अलावा, कछार जिले के धोवारबंद, पश्चिम शिलचर, न्यू शिलचर, शिलचर टाउन और श्रीकोना क्षेत्रीय कमिटियों की ओर से भी भगत सिंह की स्मृति में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। इन आयोजनों में वक्ताओं ने भगत सिंह के क्रांतिकारी विचारों को आज के सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य से जोड़ते हुए उनके संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने की अपील की।