बंगीय संगीत परिषद की मान्यता प्राप्त की
अपने संबोधन में, श्री राय चौधरी ने यह महत्वपूर्ण जानकारी साझा की कि समिति के अधीन संचालित ‘शिल्पकला विद्यामंदिर’ को बंगीय संगीत परिषद की मान्यता प्राप्त हो चुकी है, और उसका पंजीकरण प्रमाणपत्र भी प्राप्त हो गया है। यह संस्थान वर्षों से चित्रकला, संगीत, नृत्य, नाटक और योगाभ्यास के प्रशिक्षण का केंद्र रहा है। उन्होंने विद्यामंदिर के अध्यक्ष एवं सचिव श्री आशीष तरु पाल को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी।
संस्कृति और समाज सेवा का केंद्र
शिबालिक पार्क श्रीदुर्गा मंडप न केवल धार्मिक आयोजनों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह दक्षिण शिलचर का एक प्रमुख सांस्कृतिक केंद्र भी है। यहां वर्षभर विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा, रक्तदान शिविर, नि:शुल्क चिकित्सा शिविर जैसे सामाजिक कार्य भी नियमित रूप से होते रहते हैं।
विकास कार्यों पर हुई चर्चा
कोषाध्यक्ष श्री रथीश रंजन पाल ने समिति का वित्तीय लेखा-जोखा प्रस्तुत किया, जिसे सदस्यों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ अनुमोदित किया। बैठक में मंडप की आधारभूत संरचना को और अधिक विकसित करने पर चर्चा हुई। अधिकांश सदस्यों ने मंडप को द्वितीय या उससे अधिक मंजिला बनाने का सुझाव दिया। इस संबंध में डॉ. शिशिरांशु दास मजूमदार, डॉ. देवाशीष पाल, श्री अंजन स्वामी, श्री आशीष तरु पाल, श्री पार्थ सारथी चौधरी, श्री शिव शंकर भट्टाचार्य, श्रीमती संतोषी दास और श्रीमती सुतपा पाल सहित अन्य गणमान्य सदस्यों ने अपने विचार व्यक्त किए।
नई कार्यकारिणी का गठन
बैठक के अंत में नए संचालन समिति का गठन किया गया, जिसमें निम्नलिखित सदस्य चुने गए:
- अध्यक्ष: श्री ओंकारनाथ राय
- उपाध्यक्ष: श्री अंजन कांती स्वामी, श्री रथींद्रमोहन चौधरी
- सचिव: श्री प्रसेनजीत राय चौधरी
- सह-सचिव: श्री दीपक दासगुप्ता, श्रीमती संतोषी दास
- कोषाध्यक्ष: श्री रथीश रंजन पाल
- कार्यकारी समिति सदस्य:
- डॉ. देवाशीष पाल
- डॉ. शिशिरांशु दास मजूमदार
- श्री प्रसेनजीत बनिक
- श्री निहिर देव
- श्री पार्थसारथी चौधरी
- श्री आशीष तरु पाल
- श्रीमती सुतपा पाल दास
- श्री सुप्रियो भट्टाचार्य
- श्री देवानंद पाल
- श्री बिशु दास
- श्रीमती गौरी दासगुप्ता
- श्रीमती अपर्णा देव
- श्री परितोष दास
- श्री देवब्रत भट्टाचार्य
नई कार्यकारिणी के गठन के साथ बैठक का सफल समापन हुआ। समिति ने संकल्प लिया कि आगामी वर्षों में मंडप की सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों को और अधिक सशक्त बनाया जाएगा।




















