प्रेरणा रिपोर्ट, शिलचर:
शिलचर के गांधी भवन में आयोजित तीन दिवसीय प्रतिनिधि सम्मेलन का पहला दिन बुधवार को सांस्कृतिक और शैक्षिक गतिविधियों से भरपूर रहा। इस आयोजन ने न केवल सांस्कृतिक विविधता और भाषा के प्रति सम्मान को उजागर किया, बल्कि क्षेत्र के प्रमुख मुद्दों पर सार्थक चर्चाओं का भी मंच प्रदान किया।
सांस्कृतिक जुलूस और संगठनात्मक बैठक
सुबह 8 बजे सम्मेलन की शुरुआत एक सांस्कृतिक जुलूस से हुई, जो प्रेमतला, अंबिकापट्टी और शिलांगपट्टी सहित सिलचर की कई प्रमुख सड़कों से होकर गुजरा। यह जुलूस क्षेत्र की सांस्कृतिक विविधता और एकता का प्रतीक बना।
इसके बाद सुबह 10 बजे आयोजित संगठनात्मक बैठक में पुराने संघ को भंग कर आगामी कार्यकाल के लिए विस्तारित रूप में नए संघ का गठन किया गया।
बांग्लादेश की स्थिति पर विचार-विमर्श
बैठक के दौरान प्रमुख वक्ताओं गौरांग रॉय और असित चक्रवर्ती ने बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति और इसके संदर्भ में आवश्यक कदमों पर चर्चा की। इस चर्चा का संचालन असम विश्वविद्यालय के मानव विकास अध्ययन केंद्र के निदेशक प्रोफेसर निरंजन रॉय ने किया।
भाषा शहीदों को सम्मान और प्रस्तावों की स्वीकृति
सम्मेलन में सिलचर के भाषा शहीद स्टेशन और बंगाली भाषा व शिक्षा की आधिकारिक मान्यता पर कई प्रस्ताव पारित किए गए। इस अवसर पर वयोवृद्ध भाषा सेनानी राजीव कर को भी सम्मानित किया गया।
पत्रकारों और साहित्यिक व्यक्तित्वों का सम्मान
सम्मेलन के दौरान प्रेस वार्ता आयोजित की गई, जिसमें अनुभवी पत्रकारों रसेंद्र शर्मा मजूमदार (बराखला) और मिहिर देबनाथ (करीमगंज) सहित अन्य प्रमुख पत्रकारों को सम्मानित किया गया।
सम्मानित व्यक्तियों में सिलचर के वरिष्ठ पत्रकार विकास चक्रवर्ती, विभूतिभूषण गोस्वामी, तमोजीत भट्टाचार्य, चयन भट्टाचार्य, उत्तमकुमार साहा, पार्थ भट्टाचार्य, अमीनुल हक मजूमदार और देबाशीष पुरकायस्थ शामिल रहे।
सम्मान समारोह में बांग्ला साहित्य सभा असम के केंद्रीय अध्यक्ष खगेन चंद्र दास, केंद्रीय सचिव डॉ. प्रशांत चक्रवर्ती, और सम्मेलन के अध्यक्ष निहाररंजन पाल सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने पुरस्कार प्रदान किए। गुवाहाटी विश्वविद्यालय के बांग्ला विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. उषारंजन भट्टाचार्य और असम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर वरुणज्योति चौधरी ने भी कार्यक्रम में योगदान दिया।
कला और साहित्य का उत्सव
सम्मेलन में साहित्य और कला की भी झलक देखने को मिली। अनिर्बंज्योति गुप्ता, अमिताभ देव चौधरी, सुतपा चक्रवर्ती, श्यामोली कर, जया नाथ, जयिता चक्रवर्ती और अन्य प्रतिभागियों ने गायन और कविता पाठ के माध्यम से माहौल को जीवंत बनाया।
आभार और प्रतिबद्धता
सम्मेलन में सम्मानित पत्रकारों ने बांग्ला साहित्य सभा असम के प्रति आभार व्यक्त करते हुए अपने अनुभव और चुनौतियों को साझा किया। यह आयोजन भाषा, साहित्य, और संस्कृति के उत्थान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।





















