शिलचर, 3 मार्च – शहर के प्रख्यात समाजसेवी, परोपकारी एवं “एकला चलो” के सिद्धांत पर चलने वाले 87 वर्षीय रतनचंद गोलछा के निधन से शिलचर में शोक की लहर दौड़ गई। सामाजिक कार्यों में उनकी गहरी भागीदारी और निस्वार्थ सेवा भावना को याद करते हुए, रविवार को जैन भवन में एक शोकसभा आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न धार्मिक, सामाजिक, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।
परिवार एवं समाज ने दी श्रद्धांजलि
शोकसभा का आयोजन रतनचंद गोलछा के पुत्र ललित कुमार गोलछा एवं उनके परिजनों द्वारा किया गया। इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने उनके जीवन, विचारधारा और समाज के प्रति योगदान पर प्रकाश डाला। वक्ताओं ने उनके निस्वार्थ सेवा भाव और दान-पुण्य की प्रवृत्ति को याद किया, जिसने उन्हें शिलचर के समाजसेवियों में एक अलग पहचान दिलाई।
सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों की सहभागिता
शोकसभा में मारवाड़ी सम्मेलन, जैन समाज, बराक हिंदी साहित्य समिति, बराक चाय श्रमिक संगठन, जानीगंज काली पूजा कमेटी, यूनाइटेड क्लब और ईंट भट्ठा एसोसिएशन सहित कई प्रतिष्ठित संगठनों के पदाधिकारियों एवं गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया।
एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व
रतनचंद गोलछा अपने जीवनकाल में समाज सेवा, धर्मार्थ कार्यों और दानशीलता में अग्रणी भूमिका निभाते रहे। उन्होंने न केवल जरूरतमंदों की सहायता की, बल्कि समाज में जागरूकता और परोपकार को बढ़ावा देने के लिए भी सतत प्रयास किए।
उनकी स्मृति में आयोजित इस श्रद्धांजलि सभा में शहर के अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने उनके साथ बिताए गए प्रेरणादायक क्षणों को साझा किया और उनके समाज सुधार कार्यों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।
(यह रिपोर्ट शिलचर से विशेष संवाददाता द्वारा दी गई।)