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शिलचर-जयंतीया मार्ग की बदहाली अब आम जनता के लिए एक बड़ा संकट बन चुकी है। हल्की बारिश होते ही यह महत्वपूर्ण सड़क खासकर बिहाड़ा बाज़ार के आसपास कीचड़ में तब्दील हो जाती है, जिससे रोज़ाना यात्री गंभीर परेशानी का सामना कर रहे हैं।
“असम माला” परियोजना के तहत निर्माणाधीन इस सड़क की हालत ऐसी है कि अब यह स्थानीय लोगों के लिए किसी दु:स्वप्न से कम नहीं। आए दिन सड़क पर दुर्घटनाएँ हो रही हैं। आज सुबह भी एक पत्थर लदा ट्रक सड़क पर पलट गया। सौभाग्यवश कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ, लेकिन खतरा टला नहीं है।
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि एक साल पहले सड़क निर्माण के नाम पर सिर्फ मिट्टी डाली गई, लेकिन अब तक कोई ठोस मरम्मत या पक्की सड़क नहीं बनाई गई। निर्माण में घटिया सामग्री और पतली सरिया (रॉड) का इस्तेमाल हो रहा है, जिससे सड़क की मजबूती पर सवाल उठते हैं।
लगातार हो रही दुर्घटनाओं और निर्माण में अनियमितता के बावजूद प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
क्षुब्ध स्थानीय नागरिकों ने मुख्यमंत्री और ज़िलाधिकारी से अविलंब हस्तक्षेप की मांग की है और सड़क की तत्काल मरम्मत की अपील की है।
शिलचर-जयंतीया मार्ग की यह दुर्दशा कब तक जारी रहेगी? प्रशासन की चुप्पी कई सवाल खड़े करती है।





















