“साहित्य की भूमिका: सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में” विषय पर विचार-विमर्श
शिलचर, 23 अप्रैल:
विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस के अवसर पर बुधवार को बराक नागरिक संसद के तत्वावधान में शिलचर प्रेस क्लब में एक विचारगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य था—”सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की प्राप्ति में साहित्य की भूमिका” पर चर्चा करना।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि साहित्य मानव सभ्यता की प्रगति में हमेशा से एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता आया है। आज जब समाज तकनीकी और यांत्रिक विकास की दिशा में तेजी से अग्रसर है, तब भी साहित्य अपनी सृजनात्मकता के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन का एक शक्तिशाली माध्यम बना हुआ है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रतिष्ठित सामाजिक कार्यकर्ता श्री संजीत देवनाथ ने की। मुख्य वक्ता के रूप में कवि एवं पत्रकार श्री अतिन दास, नागरिक संसद के प्रधान संपादक श्री शंकर डे, मातृभाषा सुरक्षा समिति के अध्यक्ष श्री सुनील राय, कवयित्री एवं लेखिका श्रीमती दीप्ति चक्रवर्ती, ग्रंथालय प्रमुख श्री प्रदीप रायचौधुरी, लेखक श्री अब्दुल शुक्कुर बड़भूइयां, पत्रकार श्री सुबीर दत्त और समाजसेवी श्री अनिर्वाण भौमिक ने अपने विचार व्यक्त किए।
सभी वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि साहित्य समाज को जागरूक करने, विचारशील बनाने और सकारात्मक दिशा में प्रेरित करने की अद्वितीय क्षमता रखता है। ऐसे आयोजनों के माध्यम से युवाओं में पठन-पाठन और रचनात्मकता को बढ़ावा देना समय की माँग है।
यह कार्यक्रम न केवल साहित्य प्रेमियों के लिए प्रेरणास्रोत बना, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक सार्थक पहल के रूप में भी देखा गया।
(प्रेरणा भारती संवाददाता)




















