शिलचर, 24 मार्च 2025: असम राइफल्स का 190वां स्थापना दिवस शिलचर के जेल रोड स्थित असम राइफल्स परिसर में पूरे सम्मान और उल्लास के साथ मनाया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन असम राइफल्स मुख्यालय, असम राइफल्स एक्स-सर्विसमेन एसोसिएशन (बराक घाटी) और नं. 2 मेंटेनेंस ग्रुप के सहयोग से किया गया।
असम राइफल्स: एक गौरवशाली इतिहास
असम राइफल्स भारत की सबसे पुरानी अर्धसैनिक बलों में से एक है। इसकी स्थापना 24 मार्च 1835 को “कछार लेवी पुलिस” के रूप में हुई थी। बाद में इसे “नॉर्थईस्ट फ्रंटियर पुलिस” नाम दिया गया और 1917 में ब्रिटिश शासन के दौरान इसका नाम बदलकर “असम राइफल्स” कर दिया गया। यह बल मुख्य रूप से पूर्वोत्तर भारत में तैनात है, लेकिन देशभर में विभिन्न अभियानों में भी सक्रिय भूमिका निभा चुका है। असम राइफल्स ने श्रीलंका में इंडियन पीसकीपिंग फोर्स (IPKF) के तहत भी सराहनीय सेवा दी है। वर्तमान में यह कश्मीर घाटी में भी तैनात है।
कार्यक्रम की मुख्य झलकियां
समारोह का उद्घाटन मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट कर्नल केशव छेत्री, प्रभारी कमांडेंट, नं. 2 मेंटेनेंस ग्रुप, असम राइफल्स ने दीप प्रज्वलन कर किया। इस अवसर पर उन्होंने असम राइफल्स के ऐतिहासिक योगदान, वर्तमान कल्याणकारी योजनाओं और पूर्व सैनिकों के लिए उपलब्ध सुविधाओं पर विस्तृत प्रकाश डाला।
इस कार्यक्रम में असम राइफल्स एक्स-सर्विसमेन एसोसिएशन के अध्यक्ष सेवानिवृत्त सुबेदार मेजर प्रदीप कांति दास ने भी संबोधित किया। उन्होंने असम राइफल्स के गौरवशाली अतीत और पूर्व सैनिकों के हित में संगठन की भूमिका पर चर्चा की।
शहीद सैनिकों के परिवारों को सम्मान
समारोह के दौरान असम राइफल्स के वीर शहीदों की विधवाओं और परिवारों को सम्मानित किया गया और उनके बीच उपहार सामग्री वितरित की गई। इस कार्यक्रम में बराक घाटी के विभिन्न क्षेत्रों से 207 से अधिक पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों ने भाग लिया।
इस आयोजन का संचालन एसोसिएशन के अध्यक्ष सेवानिवृत्त सुबेदार मेजर प्रदीप कांति दास और सचिव सुबेदार अंबि कुमार दास ने किया।
इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों ने असम राइफल्स के योगदान को याद किया और इस प्रतिष्ठित बल की गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।