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प्रे.स.शिलचर, 28 जुलाई: शिलचर के श्यामानंद लेन निवासी जुएल पाल के घर में काम करने वाले संजीब दुसाध की मौत के बाद संजीब के पिता लक्ष्मी दुसाध ने न्याय की गुहार लगाई है।
लक्ष्मी दुसाध ने बताया कि उनका बेटा संजीब दुसाध
पिछले डेढ़ साल से जुएल पाल के दुकान में काम कर रहा था और उसी के घर में रह रहा था। 11 जून 2024 को, लगभग 2 बजे, उन्हें जुएल पाल के फोन से सूचना मिली कि संजीब गोदाम का दरवाजा नहीं खोल रहा है। जब लक्ष्मी दुसाध ने पूछा कि क्या हुआ है, तो जुएल पाल ने कोई जवाब नहीं दिया और फोन काट दिया। लक्ष्मी दुसाध जब जल्दबाजी में जुएल पाल के घर पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि जुएल पाल जल्दी से वहां से चला गया। गोदाम के दरवाजे को थोड़ा खुला पाकर जब उन्होंने दरवाजा खोला, तो उन्होंने अपने बेटे संजीब को फांसी के फंदे से झूलता पाया। संजीब का घुटना पूरी तरह से जमीन पर टिका हुआ था, और उसके शरीर पर कई जगह चोट के निशान थे।
घटना की जानकारी मिलने के बाद, रांगिरखाड़ी पुलिस और मजिस्ट्रेट मौके पर पहुंचे और संजीब के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए शिलचर मेडिकल कॉलेज भेज दिया। लक्ष्मी दुसाध ने बताया कि उनके पास पैसे न होने के कारण उन्होंने जुएल पाल को अस्पताल आने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं आया। लक्ष्मी दुसाध ने आरोप लगाया कि जुएल पाल के व्यवहार से ऐसा लग रहा था कि उनके बेटे की हत्या की गई है।
लक्ष्मी दुसाध ने रांगिरखाड़ी पुलिस थाने में एक शिकायत दर्ज कराई, लेकिन उनका आरोप है कि पुलिस ठीक से जांच नहीं कर रही है। घटना के लगभग दो महीने बीत चुके हैं, लेकिन पुलिस की भूमिका अभी भी निष्क्रिय बनी हुई है। इसलिए, उन्होंने उच्च अधिकारियों से अपील की है कि इस मामले की सही से जांच कर दोषी व्यक्ति को सजा दिलाई जाए।