प्रे.स., शिलचर, 17 मार्च: शिलचर में प्रस्तावित फ्लाईओवर परियोजना को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। जिला कांग्रेस अध्यक्ष अभिजीत पाल ने आशंका जताई कि यह फ्लाईओवर वास्तव में बनेगा भी या नहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि हर साल बजट में बराक घाटी की विभिन्न परियोजनाओं के लिए धन आवंटित किया जाता है, लेकिन इनका कोई ठोस कार्यान्वयन नहीं होता।
रविवार को शिलचर जिला कांग्रेस भवन में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में अभिजीत पाल ने कहा कि 2022 में मुख्यमंत्री ने शिलचर में फ्लाईओवर निर्माण की घोषणा की थी, लेकिन आज तक इस पर कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है। हाल ही में जनता से इस विषय पर राय ली गई, लेकिन असम के अन्य हिस्सों में फ्लाईओवर बनाने के लिए जनता की राय नहीं ली जाती। गुवाहाटी, नागांव और जोरहाट में फ्लाईओवर निर्माण बिना बजट आवंटन के किया जा रहा है, जबकि केवल शिलचर के मामले में बजट में 700 करोड़ रुपये दिखाए गए हैं। उन्होंने इसे 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं को लुभाने का चुनावी हथकंडा बताया।
बराक घाटी को बजट में अनदेखी का आरोप
अभिजीत पाल ने कहा कि बराक घाटी के विकास के लिए बजट में मात्र 105 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जबकि अन्य क्षेत्रों को इससे कई गुना अधिक धनराशि दी गई है:
- बोड़ोलैंड क्षेत्र के लिए 1143 करोड़ रुपये
- कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद के लिए 621 करोड़ रुपये
- उत्तर कछार पर्वतीय स्वायत्त परिषद के लिए 306 करोड़ रुपये
उन्होंने कहा कि बराक घाटी की विकास परियोजनाएं ठंडे बस्ते में डाल दी गई हैं। बजट में फ्लाईओवर के लिए 700 करोड़ रुपये, बराक घाटी विकास विभाग के लिए 105 करोड़ रुपये, और शोनबील विकास के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, लेकिन अन्य कोई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट शामिल नहीं किया गया।
सरकार की घोषणाएं सिर्फ दिखावा?
अभिजीत पाल ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले 10 वर्षों में बराक घाटी को हर क्षेत्र में वंचित रखा गया। उन्होंने सवाल उठाया कि पिछले बजटों में घोषित परियोजनाओं में से कौन-कौन सी योजनाएं वास्तव में पूरी हुईं?
उन्होंने सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि:
- नमामि बराक परियोजना की कोई प्रगति नहीं हुई।
- शिलचर शहर का ड्रेनेज सिस्टम जस का तस बना हुआ है।
- तरापुर शिवबाड़ी रोड पर फ्लाईओवर का निर्माण अभी तक शुरू नहीं हुआ।
- पेयजल आपूर्ति की स्थिति बदहाल बनी हुई है।
- राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण कार्यों में भारी देरी हो रही है।
- जिला पुस्तकालय और बराक नदी की खुदाई अधर में लटकी हुई हैं।
- ADR परीक्षा में युवाओं को अवसर से वंचित किया गया।
- पांचग्राम पेपर मिल के पुनरुद्धार की घोषणा सिर्फ कोरा वादा साबित हुआ।
अभिजीत पाल ने यह भी आरोप लगाया कि असम सरकार ने राज्य के हर नागरिक के सिर पर 62,000 रुपये का कर्ज डाल दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में शिलचर में आयोजित कैबिनेट बैठक में की गई घोषणाओं को भी लागू नहीं किया गया।
इस अवसर पर जिला कांग्रेस के महासचिव तपस दास, उपाध्यक्ष सीमांत भट्टाचार्य, यंग ब्रिगेड के नेता अर्चक साहा, जावेद अख्तर लश्कर और ताहिर अहमद सहित कई अन्य कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित थे।