शिलचर, 22 अगस्त: शिलचर डिवीजन इंश्योरेंस एम्प्लॉइज एसोसिएशन का दो दिवसीय 42वां आम सम्मेलन शुक्रवार को शिलचर के रंगीरखाड़ी क्षेत्र स्थित एक विवाह भवन में प्रारंभ हुआ। इस सम्मेलन में बराक घाटी, हाफलांग, त्रिपुरा, मणिपुर और मिजोरम से आए सौ से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का समापन शनिवार को होगा।
उद्घाटन दिवस में वैश्विक और राष्ट्रीय चुनौतियों के संदर्भ में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के भविष्य पर चर्चा हुई। कर्मचारियों से जुड़े मुद्दों के साथ-साथ आम जनता से संबंधित कई अहम विषयों पर भी विचार-विमर्श किया गया।
पूर्वांचल बीमा कर्मचारी संघ के नेता अमिताभ घोष और शुभेंदु चट्टोपाध्याय मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने बीमा क्षेत्र के सामने मौजूद प्रमुख चुनौतियों को विस्तार से रखा।
असम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और स्वागत समिति के अध्यक्ष डॉ. तपोधीर भट्टाचार्य ने विशेष संबोधन दिया। उन्होंने भाषा शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए बराक घाटी के श्रमिक आंदोलन के इतिहास को याद किया। इसमें अरुणाबंद चाय बागान में पहली बार मनाया गया मई दिवस और चारगुला निर्वासन जैसे ऐतिहासिक घटनाक्रम शामिल हैं।
डॉ. भट्टाचार्य ने कहा कि आज देश के लोकतांत्रिक अधिकार गंभीर खतरे में हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि धर्मनिरपेक्षता, प्रांतीय स्वायत्तता और असहमति की आवाज़ पर हमले हो रहे हैं। सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि ये नीतियां पूंजीपतियों के हित में हैं, जबकि श्रमिकों की जायज़ मांगों को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है। एलआईसी को लेकर उन्होंने चेतावनी दी कि उदारीकरण नीतियों के कारण बीमा क्षेत्र अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहा है।
सम्मेलन में अन्य वक्ताओं में संघ के अध्यक्ष दीपक नाथ, महासचिव रघुनंदन भट्टाचार्य, सत्यव्रत पुरकायस्थ, सुभाष देव, स्वागत समिति के सचिव हिमाद्रि दास और प्रचार उपसमिति के संयोजक सौरभ दास शामिल थे। सभी वक्ताओं ने बीमा कर्मचारियों से एकजुट होकर अपने अधिकार, सम्मान और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखने का आह्वान किया।





















