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‎शिलचर में राजभाषा हिंदी पर मंथन: एनआईटी में हुई नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की 65वीं बैठक ‎

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शिवकुमार व रितेश नुनिया शिलचर, 22 अक्टूबर। गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग के तत्वावधान में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, शिलचर की 65वीं छमाही बैठक आज राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) शिलचर के अतिथि गृह सभागार में सफलतापूर्वक संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता एनआईटी शिलचर के निदेशक एवं समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर दिलीप कुमार बैद्य ने की। इस अवसर पर श्री राजीव कुमार नायक, उप निदेशक, क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालय (राजभाषा), गुवाहाटी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। मंच पर श्री राम एकबाल यादव अनुसंधान अधिकारी और श्री सौरभ वर्मा, सचिव नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, शिलचर भी मंचासीन थे। बैठक में बराक वैली क्षेत्र के विभिन्न सरकारी कार्यालयों के प्रमुखों ने भाग लिया। नगर राजभाषा समिति के अंतर्गत वर्तमान में 70 कार्यालय शामिल हैं, जिनमें से लगभग 40 कार्यालयों के 70 प्रतिनिधि इस बैठक में उपस्थित रहे।प्रोफेसर दिलीप कुमार बैद्य ने कहा कि इस बैठक का मुख्य उद्देश्य हिंदी के प्रचार-प्रसार से जुड़ी चुनौतियों को समझना और उन्हें दूर करने के उपायों पर चर्चा करना है। उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों से समिति की ओर से उत्कृष्ट कार्य करने वाले कार्यालयों को सम्मानित किया जा रहा है और इस वर्ष भी कई संस्थानों को पुरस्कार प्रदान किए गए। उन्होंने कहा कि नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की सदस्यता उन सभी केंद्रीय सरकारी कार्यालयों के लिए खुली है जो इस नगर क्षेत्र में कार्यरत हैं। ऐसे कार्यालय जिनमें आठ या उससे अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, उनकी सदस्यता अनिवार्य है, जबकि छोटे कार्यालय भी अपनी इच्छा से सदस्य बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि राजभाषा हिंदी न केवल भारत की पहचान है बल्कि सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। यह हमारे सामाजिक जीवन का अभिन्न अंग है इसका उपयोग करने से दुनिया में भारत का मान सम्मान बढ़ेगा उन्होंने सभी कार्यालयों से प्रोत्साहन योजना बनाने का अनुरोध किया और कहा कि कुछ न करने से, थोड़ा करना अच्छा होता है।

 

‎बैठक के दौरान श्री राजीव कुमार नायक, उप निदेशक (राजभाषा), गुवाहाटी ने कहा कि राजभाषा विभाग के पोर्टल पर सभी कार्यालयों का पंजीकरण अनिवार्य है। पिछले 3 महीने में कितनी उन्नति हुई है, इसकी समीक्षा रिपोर्ट जरूर बनाना है। भाषा केवल संवाद का माध्यम नहीं बल्कि हमारी संस्कृति और पहचान का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि रिपोर्टों और वास्तविक कार्यों के बीच तालमेल आवश्यक है। हम अक्सर आंकड़ों में तो अच्छा प्रदर्शन दिखाते हैं, पर ज़रूरी है कि वास्तविक काम में भी वही प्रतिबिंब दिखे, उन्होंने कहा। उन्होंने आगे कहा कि आधुनिक तकनीक के युग में हिंदी में काम करने में अब कोई कठिनाई नहीं है। माइक्रोसॉफ्ट जैसे प्लेटफॉर्म पर अनुवाद और भाषा उपकरणों के माध्यम से हिंदी में पत्राचार आसानी से किया जा सकता है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि कार्यालयों के साथ-साथ आम जीवन में भी हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देना चाहिए ताकि यह हमारी दिनचर्या का स्वाभाविक हिस्सा बने। उन्होंने बताया कि हिंदी प्रशिक्षण का मानदेय दोगुना कर दिया गया है। उन्होंने केंद्रीय विद्यालयों, भारतीय खाद्य निगम और सुरक्षा बलों की प्रशंसा की और कहा कि वहां जाने पर राजभाषा का अनुपालन दिखता है।

‎केंद्रीय विद्यालय कुंभीर ग्राम के हिंदी शिक्षक मनीष कुमार आर्य ने कहा कि राजभाषा अधिनियम 1963 के धारा 3(3) का अनुपालन अनिवार्य है। उन्होंने अपने विद्यालय में राजभाषा अधिनियम पर आयोजित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के बारे में जानकारी प्रदान की।

‎ श्री राजेश चतुर्वेदी ने भाषा और लिपि के संबंध पर चर्चा करते हुए कहा कि यदि हम संवाद में रोमन लिपि का प्रयोग करते रहे तो हिंदी अपनी मौलिकता खो देगी। जिस तरह हमारी पारंपरिक वेशभूषा धीरे-धीरे लुप्त हो रही है, उसी तरह लिपि का भी ह्रास हो सकता है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि अपने जीवन में हिंदी भाषा और उसकी लिपि का सम्मान और प्रयोग बढ़ाएं। उन्होंने आगे कहा कि हिंदी शिक्षण योजना के अंतर्गत शिलचर में भी परीक्षा केंद्र स्थापित करने की दिशा में प्रयास किए जा सकते हैं, ताकि प्रतिभागियों को गुवाहाटी तक न जाना पड़े। साथ ही सुझाव दिया कि आगामी राजभाषा बैठकों का आयोजन बारी-बारी से विभिन्न कार्यालयों में किया जाए, ताकि सभी विभागों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित हो सके। इस अवसर पर श्री राजीव कुमार नायक ने ‘प्रेरणा भारती’ हिंदी समाचारपत्र की भी सराहना की और कहा कि इस क्षेत्र में हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार और जनजागरण में ‘प्रेरणा भारती’ का योगदान अत्यंत सराहनीय है। इसने स्थानीय स्तर पर हिंदी को जन-जन तक पहुँचाने का जो कार्य किया है, वह अनुकरणीय है। कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित अधिकारियों ने राजभाषा हिंदी के अधिकाधिक प्रयोग और प्रचार-प्रसार का संकल्प लिया।

‎क्षेत्रीय अनुसंधान अधिकारी राम इकबाल यादव ने राजभाषा विभाग द्वारा अनुवाद के लिए दी गई सुविधाओं की जानकारी प्रदान की।

‎राजभाषा के उत्कृष्ट अनुपालन के लिए तुरियल हाइड्रो पावर लिमिटेड निपको, दूरदर्शन केंद्र शिलचर और पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय करीमगंज को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।

‎बैठक में उपस्थित प्रमुख पदाधिकारी में असम विश्वविद्यालय के हिंदी अधिकारी डॉक्टर सुरेंद्र उपाध्याय, केंद्रीय विद्यालय संगठन के उपायुक्त पीआइटी राजा, स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया क्षेत्रीय कार्यालय गुवाहाटी के राजेश चतुर्वेदी, शिलचर के विनोद कुमार, दूरदर्शन केंद्र के अधिकर्ता समरजीत सिंह व चंदन घोष, आकाशवाणी के कुश प्रसाद यादव, असम विश्वविद्यालय के पृथ्वीराज ग्वाला और मिली रानी पाल, विभिन्न केंद्रीय विद्यालयों के प्रधानाचार्य सुनीलकुमार गुप्ता, किशोर कुमार पांडेय, संदीप शर्मा, रविंद्र प्रताप सिंह, महेंद्र सिंह, अब्दुल हमीद, जीवन बीमा निगम मंडल कार्यालय के प्रबंधक गोविंद दास और अभिजीत पाल चौधरी, सीमा सुरक्षा बल के आत्मा कुमार सिंह, पंजाब नेशनल बैंक के अनिल कुमार भगत, निपको के जयदेव नंदी, भारतीय खाद्य निगम के रघुमणि सिंह, सर्वे आफ इंडिया के दीपांकर दत्त, नवोदय विद्यालय के मणिंद्र सिंह और मनोज कुमार सिंह, पावर ग्रिड के मनीष कुमार, असम राइफल के लक्ष्मण रविदास, वायु सेना के सार्जेंट नवीन आदि उपस्थित थे।

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