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शिलचर में सदौ असम ‘आशा’ संगठन का जोरदार विरोध प्रदर्शन, सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप

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शिलचर, सोमवार (प्रे.सं.) — सदौ असम ‘आशा’ संगठन के बैनर तले सोमवार को शिलचर में जोरदार विरोध प्रदर्शन हुआ। कछार, हैलाकांडी और करीमगंज जिलों से आईं सैकड़ों आशा कार्यकर्ताओं ने शहर के हृदयस्थल स्थित शहीद खुदीराम बोस की प्रतिमा के समक्ष धरना देकर सरकार की नीतियों और वादाखिलाफी के विरुद्ध जमकर आवाज उठाई।

संगठन के अधिकारियों ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि बराक उपत्यका के विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) में कार्यरत आशा कार्यकर्ताएँ दिन-रात एक कर लोगों की सेवा में लगी रहती हैं, लेकिन इसके बावजूद सरकार उनके न्यायोचित माँगों की लगातार अनदेखी कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि बार-बार स्मारक पत्र सौंपने के बावजूद सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

वर्तमान में आशा कार्यकर्ताओं को मात्र ₹3,000 मासिक मानदेय दिए जाने की घोषणा सरकार भले ही जोर-शोर से कर रही हो, लेकिन वास्तविकता यह है कि कई महीनों तक उन्हें केवल ‘सामान्य सम्मान राशि’ ही मिल रही है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि शेष राशि आखिर कहाँ जा रही है? कार्यकर्ताओं ने सरकार से पारदर्शिता की माँग करते हुए जवाबदेही तय करने की अपील की।

आशा कार्यकर्ताओं ने कहा कि जब हर बजट सत्र में सांसदों और विधायकों के वेतन में वृद्धि होती है, तब सालों से 24 घंटे जनता की सेवा करने वाली आशा कर्मियों को मात्र ₹3,000 मासिक देने की बात क्यों की जाती है? उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार शीघ्र उनकी माँगों पर विचार नहीं करती, तो वे राज्य भर के सरकारी अस्पतालों की सेवाएँ ठप कर देने जैसे कठोर कदम उठाने को विवश होंगी।

मुख्य माँगें:

  • नियमित मासिक वेतन सुनिश्चित किया जाए
  • लंबित भुगतान तत्काल जारी किया जाए
  • आशा कर्मियों को स्वास्थ्यकर्मी का दर्जा दिया जाए
  • सामाजिक सुरक्षा एवं पेंशन की व्यवस्था की जाए

आशा संगठन ने राज्य सरकार से जल्द से जल्द वार्ता कर समाधान निकालने की माँग की है, अन्यथा आंदोलन को और व्यापक रूप देने की चेतावनी दी है।

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