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प्रे.स. शिलचर, 16 दिसंबर: शिलचर के डीएसए मैदान में सोमवार शाम को तीसरे पुस्तक मेले का भव्य उद्घाटन हुआ, जो 25 दिसंबर तक चलेगा। इस मेले का उद्घाटन मुख्य अतिथि भारत सेवाश्रम संघ के शिलचर शाखा के अधिष्ठाता गुणसिंधुजी महाराज ने किया। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष डॉ. हिमाशीष भट्टाचार्य, आक्सा के सलाहकार रूपम नंदी पुरकायस्थ, डीएसए के अध्यक्ष शिवब्रत दत्ता, महासचिव अतनु भट्टाचार्य, वरिष्ठ पत्रकार व लेखक अतीन दास, कवयित्री व लेखिका तथा समिति की उपाध्यक्ष महुआ चौधरी, भाजपा नेता अमिय कांति दास, अधिवक्ता तुहिना शर्मा, समिति के सदस्य नारायण चौधरी व सुजया भट्टाचार्य और लेखक दीपंकर घोष आदि उपस्थित थे।
गुणसिंधुजी महाराज ने आयोजन की सराहना करते हुए कहा, “पुस्तक मेले समाज को समृद्ध करते हैं। कवि, विद्यार्थी और साहित्यकार इससे ज्ञान प्राप्त करते हैं। हालांकि आज के समय में लोग कम किताबें पढ़ते हैं, फिर भी सब कुछ खत्म नहीं हुआ है। अब किताबों को उपहार देने की परंपरा भी लगभग खत्म हो चुकी है। दुख की बात है कि छात्र-छात्राएं भी किताबों के लिए समय नहीं निकालते। मातृभाषा को सीखना और सिखाना अत्यंत आवश्यक है। अभिभावकों को चाहिए कि वे अपने बच्चों को मातृभाषा का सही ज्ञान दें।” उन्होंने आशा व्यक्त की कि लोग इस मेले में आकर पुस्तकें अवश्य खरीदेंगे।
वरिष्ठ पत्रकार अतीन दास ने पुस्तक मेले के इतिहास और इसकी यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कहा, “थाईलैंड में सबसे ज्यादा पुस्तकें पढ़ी जाती हैं, जबकि भारत इस सूची में दूसरे स्थान पर है। हमें अपने व्यस्त समय से पुस्तक पढ़ने के लिए समय निकालना चाहिए। दुनिया के सबसे व्यस्त लोग भी किताबें पढ़ने के लिए समय निकालते हैं। साहित्य, इतिहास और कविता पढ़ना हमारे जीवन को समृद्ध करता है। युवा पीढ़ी को भी पढ़ने की आदत विकसित करनी चाहिए।”
कवयित्री महुआ चौधरी ने कहा, “पुस्तक मेले से हमें आनंद मिलता है। पढ़ने से आत्मा को सुख मिलता है और पाठक समाज को नई दिशा देते हैं।”
समिति के अध्यक्ष डॉ. हिमाशीष भट्टाचार्य ने स्वागत भाषण दिया और डीएसए के अधिकारियों के सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा, “पुस्तक मेला हमारे शहर के लिए एक प्रतिष्ठित आयोजन है और इसे जारी रखना हमारी प्राथमिकता है।” उन्होंने अतीन दास और अन्य प्रेरणादायक हस्तियों के प्रयासों की भी सराहना की।
डीएसए अध्यक्ष शिवब्रत दत्ता ने लोगों से अधिक से अधिक पुस्तकें पढ़ने का आह्वान किया। आक्सा के सलाहकार रूपम नंदी पुरकायस्थ ने कहा, “पुस्तकें हमें ज्ञान और समृद्धि प्रदान करती हैं।”
उद्घाटन सत्र का संचालन कवि एवं लेखक शतदल आचार्य ने किया। आयोजकों ने बताया कि मेले के दौरान प्रतिदिन खुला मंच विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों, काव्य पाठ और परिचर्चाओं का साक्षी बनेगा।