प्रे.स., शिलचर, 16 मार्च: शिलचर में आगामी 22 व 23 मार्च को मारवाड़ी सम्मेलन का 17वां प्रांतीय ‘श्रेष्ठ पूर्वोत्तर’ महासम्मेलन भव्य रूप से आयोजित किया जाएगा। सम्मेलन के पहले दिन उद्घाटन समारोह रंगपुर स्थित सागरिका रिज़ॉर्ट में होगा, जिसकी तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। इस महासम्मेलन में उत्तर-पूर्व के साथ-साथ देशभर से प्रतिष्ठित मारवाड़ी प्रतिनिधि भाग लेंगे।
रविवार को शिलचर सदरघाट रोड स्थित बराक व्यू रेजीडेंसी होटल में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में शिलचर मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष मूलचंद वैद, महासम्मेलन के अध्यक्ष बुधमल वैद, मारवाड़ी सम्मेलन के महासचिव पवन राठी, महासम्मेलन के सचिव प्रदीप सुराणा एवं मारवाड़ी महिला सम्मेलन की अध्यक्ष सुंदरी देवी पटवा ने विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मारवाड़ी सम्मेलन की स्थापना के 90 वर्ष पूरे हो चुके हैं, और यह पहली बार है जब ‘श्रेष्ठ पूर्वोत्तर’ महासम्मेलन का आयोजन शिलचर में किया जा रहा है।
उत्सव समिति का गठन, कई उप-समितियां सक्रिय
सम्मेलन को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए एक उत्सव समिति का गठन किया गया है, जिसके अंतर्गत विभिन्न उप-समितियां कार्यरत हैं। इस दो दिवसीय महासम्मेलन में अखिल भारतीय मारवाड़ी सम्मेलन के प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार लोहिया, संपादक कैलाशपति, पूर्व अध्यक्ष कैलाश काबरा सहित देशभर के मारवाड़ी प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे।
महासम्मेलन में होगा व्यापार एवं सामाजिक सरोकारों पर विचार-विमर्श
सम्मेलन के दौरान मारवाड़ी समाज के व्यावसायिक विकास, सामाजिक उत्थान और संगठनात्मक विषयों पर गहन चर्चा होगी। इस अवसर पर एक विशेष स्मारिका का विमोचन भी किया जाएगा। साथ ही, राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं अन्य गणमान्य मंत्री-विधायकों को अभिनंदन पत्र भी सौंपा जाएगा।
सांस्कृतिक कार्यक्रम व भव्य रात्रि भोज
महासम्मेलन के दौरान राजीव भवन में एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम और रात्रि भोज का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान मारवाड़ी समुदाय की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को प्रस्तुत किया जाएगा। महिलाओं और युवाओं को विशेष दायित्व सौंपे गए हैं, जिसमें सम्मेलन में आने वाले मेहमानों के स्वागत, आवास एवं भोजन की व्यवस्था की जाएगी। हवाई मार्ग, रेल और सड़क मार्ग से आने वाले अतिथियों के ठहरने की विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं।
मारवाड़ी सम्मेलन: एक सशक्त संगठन
उल्लेखनीय है कि उत्तर-पूर्वी प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन की स्थापना वर्ष 1935 में हुई थी। यह संगठन मारवाड़ी समाज के हितों के संरक्षण, सामाजिक उत्थान एवं व्यावसायिक विस्तार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।