कार्यशाला का उद्घाटन एसएमसीएच के ऑडिटोरियम में पारंपरिक पंचप्रदीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर संदीप स्वपन धर और विशेष अतिथि के रूप में प्रोफेसर सुजीत भट्टाचार्य उपस्थित रहे। कार्यशाला की अध्यक्षता शिलचर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. भास्कर गुप्ता ने की।
इस कार्यशाला के आयोजक सचिव और संयोजक एसएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष तथा वीआरडीएल के प्रमुख शोधकर्ता डॉ. देवदत्त धर चंद थे। देशभर से आए विशेषज्ञों ने इसमें भाग लिया, जिनमें प्रमुख रूप से डॉ. गीता जोटवानी, डॉ. राधाकांत राठौ और डॉ. विश्वज्योति बरकाकोटी शामिल थे। इन विशेषज्ञों ने अपने अनुभव साझा किए और प्रतिभागियों को वायरल ट्रॉपिकल फीवर की पहचान और निदान की आधुनिक तकनीकों से अवगत कराया।
यह कार्यशाला स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग (DHR) और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR), नई दिल्ली द्वारा वित्तपोषित है। इसका मुख्य उद्देश्य डॉक्टरों, शोधकर्ताओं और स्वास्थ्य विशेषज्ञों को नवीनतम आणविक निदान तकनीकों में प्रशिक्षित करना है, जिससे भविष्य में वायरल ट्रॉपिकल फीवर जैसी बीमारियों के सटीक और समय पर पहचान संभव हो सके।
जनस्वास्थ्य में महत्वपूर्ण पहल
वायरल ट्रॉपिकल फीवर से जुड़ी बीमारियाँ उष्णकटिबंधीय (ट्रॉपिकल) क्षेत्रों में एक गंभीर चुनौती बनी हुई हैं। ऐसे में यह कार्यशाला शोध और रोग निदान की नई दिशाओं को खोलने में सहायक सिद्ध होगी। यह पहल जनस्वास्थ्य के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे रोगियों को बेहतर उपचार और सही समय पर निदान का लाभ मिलेगा।
— प्रेरणा भारती दैनिक