प्रेरणा भारती, शिलचर, 30 जून: 1962 के रेजांगला युद्ध में शहीद हुए वीर अहीर (यादव/ग्वाला) सैनिकों की स्मृति में अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा द्वारा निकाली गई पवित्र रज कलश यात्रा रविवार को शिलचर सहित पूरे कछार जिले में ऐतिहासिक सम्मान और श्रद्धा के साथ संपन्न हुई।
सुबह मेहरपुर शिव मंदिर से पूजा-अर्चना और जयघोष के साथ यात्रा की शुरुआत हुई, जो अन्नपूर्णा ब्रिज, मासिमपुर द्वितीय खंड, डलू, हाथीछोड़ा, उधारबंद, काशीपुर, बदरीबस्ती होते हुए पैलापुल पहुंची। इस दौरान ग्वाला समाज द्वारा जगह-जगह पुष्पवर्षा और माल्यार्पण कर कलश का भव्य स्वागत किया गया।
पैलापुल में आयोजित सभा में जिले भर के अहीर समाज की सक्रिय भागीदारी रही। सभा को यादव महासभा के राष्ट्रीय महासचिव रमेश राव पायलट, उत्तर-पूर्व संयोजक पीतांबर दास यादव, उड़ीसा अध्यक्ष प्रफुल्ल कुमार दास यादव, असम अध्यक्ष राजदीप ग्वाला सहित कई वरिष्ठ पदाधिकारियों ने संबोधित किया।
उन्होंने रेजांगला युद्ध की ऐतिहासिक वीरगाथा को याद करते हुए बताया कि कुमाऊं रेजिमेंट की ‘चार्ली कंपनी’ के 120 अहीर जवानों ने 1962 में चीनी सेना के 3000 सैनिकों से लोहा लिया था, जिनमें से 114 वीरगति को प्राप्त हुए।
अहीर रेजिमेंट की स्थापना की मांग तेज
सभा में वक्ताओं ने देश के वीर अहीर सैनिकों को समर्पित एक स्वतंत्र अहीर रेजिमेंट की स्थापना की मांग को एक सुर में उठाया और इसे देश के प्रति न्याय और सम्मान का विषय बताया।
यात्रा का समापन और अगला पड़ाव
सभा का संचालन लालन प्रसाद ग्वाला ने किया। इसके बाद यात्रा दिलखुश, डॉक्टर बागान, बिन्नाकांदी, छोटा मामदा, खालकुड़ी, एनआईटी, शिलचर, बारिकनगर होते हुए समाप्त हुई।
यह यात्रा 13 अप्रैल को बिहार के छपरा से शुरू हुई थी और झारखंड, ओडिशा, बंगाल, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, गुजरात, राजस्थान सहित कई राज्यों से गुजरते हुए पूर्वोत्तर में पहुंची है। आगामी पड़ाव त्रिपुरा और श्रीभूमि जिला है। यात्रा 18 नवंबर को दिल्ली के जंतर-मंतर पर समापन होगी।





















