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प्रे.स. शिलचर, 8 जनवरी: शिलचर से बालाछोड़ा के रास्ते पर स्थित दूधपतिल अष्टम खंड और नेट्रिप के पास के क्षेत्रों में सरकारी खस जमीन पर अवैध कब्जा कर दुकानों और मकानों का निर्माण किया जा रहा है। लेबुरबंद, मिकिरजुम और नागाथल क्षेत्र के स्थानीय ग्रामीणों ने पत्रकारों को बताया कि पीडब्ल्यूडी द्वारा निर्मित यह सड़क नेट्रिप से जुड़ी है और लेबुरबंद-महासड़क की बाईं ओर सरकारी जमीन और नाले को अवैध रूप से कब्जा कर निर्माण किया जा रहा है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उधारबंद बाजार के निवासी रियाजुल बरलस्कर द्वारा सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर पुरानी हाफलांग रोड और नाले को मिट्टी से भरकर दुकान और मकान बनाने का काम किया जा रहा है। इससे न केवल ग्रामीणों को आवागमन में परेशानी हो रही है, बल्कि सड़क पर आए दिन छोटे-बड़े हादसे भी हो रहे हैं। तेज रफ्तार से आने वाले वाहनों और इन अवैध दुकानों के कारण दृश्यता बाधित हो रही है, जिससे दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं।
ग्रामीणों ने जब रियाजुल बरलस्कर से इस अवैध निर्माण को रोकने और दुर्घटनाओं से बचाव के लिए सरकारी जमीन खाली करने का अनुरोध किया, तो उसने उनकी बातों को अनसुना कर दिया। इसके बजाय उसने ग्रामीणों को गाली-गलौज की और जान से मारने की धमकी दी।
ग्रामीणों ने इस मुद्दे को लेकर कई बार जिला प्रशासन, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, उदारबंद के विधायक मिहिर कांति सोम और बरखला के विधायक मिसबाहुल इस्लाम के समक्ष शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने एक ज्ञापन भी सौंपा, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। सरकारी आदेशों को नजरअंदाज करते हुए रियाजुल ने अपनी दुकान और मकानों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया।
इससे परेशान होकर ग्रामीणों ने मीडिया के माध्यम से कछार जिले के उपायुक्त का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया है। ग्रामीणों ने मामले की उचित जांच कर सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त करने और दुर्घटनाओं को रोकने की मांग की है।
ग्रामीणों की ओर से अली उद्दीन लस्कर, अताउर रहमान लस्कर, रूहिना बेगम, दियारुन बेगम, नेफुजान बेगम, अमीना बेगम, बरिंद्र दास, रंजीत मूड़ा, सुमन भूमिज, अहमद अली और रबी उरांग ने इस समस्या को उजागर करते हुए न्याय की अपील की है।