शिलडुबी ग्राम पंचायत गठन में मानव सिंह को दरकिनार कर जिला भाजपा का हस्तक्षेप
कॉल रिकॉर्डिंग वायरल होने के बाद मचा राजनीतिक भूचाल
दीप दास, शिलचर, 11 जुलाई: एक वायरल कॉल रिकॉर्डिंग ने शिलडुबी ग्राम पंचायत के गठन को लेकर चल रही भाजपा की अंदरूनी कलह को सतह पर ला दिया है। इसके बाद चातला मंडल भाजपा अध्यक्ष मानव सिंह को पंचायत गठन की प्रक्रिया से पूरी तरह अलग कर दिया गया और जिला भाजपा के नेतृत्व में शिलडुबी ग्राम पंचायत की नई कार्यकारिणी गठित की गई।
लगातार विवादों और अटकलों के बीच आखिरकार सुनाम राय को शिलडुबी ग्राम पंचायत की नवनिर्वाचित अध्यक्ष घोषित किया गया, जबकि उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सुरज राय को सौंपी गई। इस अवसर पर भाजपा चातला मंडल के प्रभारी अध्यक्ष सूर्यप्रसाद गौड़, असम प्रदेश भाजपा के सदस्य प्रदीप दास, जिला भाजपा के उपाध्यक्ष कंकन नारायण शिकदर, मंडल प्रभारी ध्रुव भट्टाचार्य और जिला कार्यकारिणी सदस्य भोलानाथ यादव उपस्थित थे।
सूत्रों के मुताबिक, मानव सिंह पर यह आरोप है कि वे प्रत्येक पंचायत में अपनी पसंद के उम्मीदवारों को अध्यक्ष बनाने का दबाव बना रहे थे। इस कारण कार्यकर्ताओं में काफी असंतोष फैल गया। बताया जा रहा है कि एक कॉल रिकॉर्डिंग में मानव सिंह यह कहते हुए सुने गए कि “अगर मैं नहीं चाहूं, तो जिला अध्यक्ष की भी किसी को अध्यक्ष बनाने की औकात नहीं।” यही कॉल रिकॉर्डिंग वायरल होने के बाद मामला तूल पकड़ गया।
इसके बाद जिला भाजपा अध्यक्ष रूपम साहा ने हस्तक्षेप करते हुए शिलडुबी जीपी के गठन की जिम्मेदारी ध्रुव भट्टाचार्य, भोलानाथ यादव और कंकन नारायण शिकदर को सौंपी। मंडल प्रभारी सूर्या गौड़ के सहयोग से शिलडुबी पंचायत का गठन शांतिपूर्वक संपन्न हुआ।
भाजपा सूत्रों के अनुसार, चातला मंडल के दो अन्य पंचायतों में भी पार्टी अध्यक्ष नियुक्त करने में असफल रही — जिसका प्रमुख कारण भी मानव सिंह की कार्यशैली को माना जा रहा है। पार्टी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि वे टिकट वितरण से लेकर पंचायत गठन तक हर जगह मनमानी कर रहे हैं।
स्थानीय कार्यकर्ताओं का कहना है कि मानव सिंह की कार्यप्रणाली न केवल पार्टी लाइन के खिलाफ है, बल्कि इससे संगठन की छवि को भी नुकसान हो रहा है। वे अब जिला नेतृत्व से उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
भाजपा के एक वरिष्ठ सूत्र के अनुसार, पार्टी अब यह स्पष्ट संदेश दे रही है कि कोई भी मंडल अध्यक्ष एकछत्र अधिकार का मालिक नहीं होगा। यदि किसी के खिलाफ शिकायत मिलेगी, तो संगठन आवश्यक हस्तक्षेप करेगा। आने वाले दिनों में अन्य पंचायतों और अंचल स्तर के गठन में भी यही नीति अपनाई जाएगी।
शिलडुबी पंचायत गठन के घटनाक्रम ने स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा अब अनुशासनहीनता और गुटबाज़ी को बर्दाश्त नहीं करेगी। जिला नेतृत्व की सख्त भूमिका से यह उम्मीद की जा रही है कि पार्टी में संगठनात्मक अनुशासन और समन्वय की भावना और मजबूत होगी।




















