शिलचर, 10 जून:
गत 4 जून को काछार जिले के उदारबंद क्षेत्र अंतर्गत शुखाछोड़ा पत्थर खदान में पत्थर निकासी को लेकर दो पक्षों के बीच उत्पन्न विवाद को कुछ स्वार्थान्वेषी नेताओं द्वारा जातिगत और सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है — ऐसा गंभीर आरोप मंगलवार की शाम एक नागरिक सभा में लगाया गया।
नागरिक सभा का आयोजन प्रानग्राम में किया गया था, जहाँ स्थानीय लोगों ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह पूरी तरह श्रमिकों और महलदारों के बीच का प्रशासनिक मामला है, लेकिन कुछ लोग इसे सोशल मीडिया के माध्यम से जहर घोलने की कोशिश कर रहे हैं।
स्थानीय जानकारी के अनुसार, चंडीघाट माइनर मिनरल यूनिट के महलदारों के द्वारा जारी परमिट के आधार पर श्रमिक वर्षों से नदी से पत्थर निकालते आ रहे हैं। परंतु महलदार पक्ष समय रहते पत्थर निकालने के स्थान को स्पष्ट रूप से चिह्नित नहीं कर पाया, जिसके चलते पिछले सप्ताह दोनों पक्षों में कहासुनी और मारपीट की स्थिति उत्पन्न हो गई। इसके बाद दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ केस भी दर्ज करवाया है।
सबसे चिंताजनक बात यह रही कि एक मामूली विवाद को लेकर सोशल मीडिया पर ‘साम्राज्य पीडीएफ’ नामक एक प्लेटफॉर्म से फेसबुक लाइव कर ‘पाकिस्तानी’, ‘बांग्लादेशी’, ‘जिहादी’ जैसे भड़काऊ शब्दों का इस्तेमाल किया गया। इस लाइव का संचालन अभिजीत घोष नामक एक युवक ने किया, जिसे सभा में उपस्थित नागरिकों ने क्षेत्र की शांति व्यवस्था को बिगाड़ने का दोषी ठहराया। सभी वक्ताओं ने अभिजीत घोष के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की और प्रशासन से अनुरोध किया कि ऐसी भड़काऊ गतिविधियों को तत्काल रोका जाए।
सभा में कहा गया कि प्रशासन को चाहिए कि वह पूरे घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सजा दे, ताकि भविष्य में कोई व्यक्ति या संगठन ऐसी दुर्भावनापूर्ण साजिश रचकर सामाजिक सौहार्द्र को नुकसान न पहुँचा सके।





















