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शेखपाड़ा दुसाधपाड़ा एलपी स्कूल में अनियमितताओं का आरोप, अभिभावकों का जोरदार विरोध!

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प्रधान शिक्षिका के खिलाफ गूंजे नारे, स्थानांतरण की मांग

प्रे.स. शिलचर, 22 फरवरी:“स्कूल चलाएंगी, क्लास लेंगी, या मिड-डे मील देंगी—अगर कुछ नहीं कर रहीं, तो यहां क्या कर रही हैं?”

इस सवाल के साथ फूट पड़ा शेखपाड़ा दुसाधपाड़ा एलपी स्कूल के अभिभावकों का गुस्सा। प्रधान शिक्षिका ताहेरा सुल्ताना लश्कर पर कई अनियमितताओं के आरोप लगाते हुए शुक्रवार सुबह ग्रामीणों ने स्कूल के सामने जबरदस्त प्रदर्शन किया।

स्कूल नहीं आतीं, पढ़ाई नहीं करातीं, बच्चों को भोजन भी नहीं मिलता!

अभिभावकों का आरोप है कि प्रधान शिक्षिका ताहेरा सुल्ताना स्कूल में नियमित रूप से अनुपस्थित रहती हैं, पढ़ाई पर ध्यान नहीं देतीं और सरकार द्वारा निर्धारित मिड-डे मील की व्यवस्था भी ठीक से नहीं की जाती।

कई बार शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई न होने से नाराज ग्रामीणों को अंततः विरोध प्रदर्शन का सहारा लेना पड़ा।

बंद रहता है स्कूल का रसोईघर!

अभिभावकों ने बताया कि जहां बच्चों के लिए भोजन पकना चाहिए, वहां ताला लगा मिलता है! एक नाराज अभिभावक ने कहा—

“हम अपने बच्चों को शिक्षा का उजाला देने के लिए स्कूल भेजते हैं, लेकिन यहां उन्हें सिर्फ अंधकार ही मिल रहा है! अगर यही चलता रहा, तो हमारे बच्चे क्या सीखेंगे?”

स्कूल के सामने गूंजे विरोध के नारे!

शुक्रवार सुबह स्कूल के बाहर सैकड़ों अभिभावक और ग्रामीण इकट्ठा हुए। पूरे इलाके में नारों की गूंज सुनाई देने लगी—

✅ “शिक्षिका की मनमानी नहीं चलेगी!” ✅ “बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं चलेगा!” ✅ “ताहेरा मैम का तबादला करना ही होगा!”

ग्रामीणों ने साफ चेतावनी दी— “अगर एक हफ्ते के अंदर शिक्षिका का स्थानांतरण नहीं किया गया, तो लाला शिक्षा विभाग का घेराव किया जाएगा!”

विद्यालय के अध्यक्ष का बड़ा सवाल— “यह स्कूल है या निजी व्यापार?”

विद्यालय के अध्यक्ष जसीमुद्दीन शेख ने शिक्षिका पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा—

“मैं स्कूल का अध्यक्ष हूं, लेकिन मेरी बात की कोई कीमत नहीं! वह स्कूल के फंड्स तो वसूलती हैं, लेकिन खर्च कहां होता है, इसकी कोई जानकारी नहीं! यह सरकारी स्कूल है या उनकी निजी दुकान?”

छात्र संख्या 56, पर उपस्थिति सिर्फ 5!

जब पत्रकार मौके पर पहुंचे, तो चौंकाने वाला दृश्य सामने आया— जहां 56 छात्रों को होना चाहिए था, वहां सिर्फ 5 बच्चे मौजूद थे!

एक अभिभावक ने निराशा जताते हुए कहा—

“बच्चे स्कूल आकर शिक्षिका का इंतजार करते रहते हैं। फिर थककर घर लौट जाते हैं और अब वे स्कूल आना ही नहीं चाहते!”

एक अन्य अभिभावक ने कटाक्ष करते हुए कहा—

“मैडम कोई जादूगरनी हैं! 56 में से 51 बच्चे गायब! ऐसा जादू तो हैरी पॉटर भी नहीं कर सकता!”

अब बड़ा सवाल— होगी कार्रवाई या फिर दब जाएगा मामला?

ग्रामीण अब इंतजार कर रहे हैं कि क्या शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी इस मामले को गंभीरता से लेंगे, या हमेशा की तरह इसे भी नजरअंदाज कर दिया जाएगा?

विरोध सभा में उपस्थित:

✅ विद्यालय अध्यक्ष: जसीमुद्दीन शेख
✅ उपाध्यक्ष: रुसना बेगम
✅ सदस्यगण: जलीलुद्दीन लश्कर, आलमुद्दीन लश्कर, सिफना शेख, निजामुद्दीन शेख, बहारुद्दीन शेख, रुमीना बेगम शेख
✅ अभिभावकगण: नुरुल हक शेख, आफिया बेगम शेख, और कई अन्य

अब देखने वाली बात यह होगी कि शिक्षा विभाग बच्चों की शिक्षा और अभिभावकों की मांगों को गंभीरता से लेता है या फिर यह मुद्दा भी अनदेखी की भेंट चढ़ जाता है?

यह खबर अब एक प्रभावी और प्रकाशित करने योग्य रूप में तैयार है। यदि आप इसमें कोई और बदलाव या अतिरिक्त जानकारी जोड़ना चाहते हैं, तो मुझे बताएं!

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