फॉलो करें

श्रीमद्भागवतपुराण आध्यात्मिक ग्रंथ मात्र नहीं अपितु भारतीय संस्कृति और इतिहास का भी दर्पण है – आचार्य प्रह्लाद जोशी

99 Views
नलबारी, असम: कुमार भास्कर वर्मा संस्कृत एवं पुरातनाध्ययन विश्वविद्यालय के पुराणेतिहास विभाग के तत्वावधान में “श्रीमद्भागवतपुराण के संदर्भ में पुराण एवं इतिहास का परिचय” विषय पर एक विशिष्ट आभासीय विद्वद्व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उद्घाटन भाषण देते हुए विश्वविद्यालय के कुलगुरु, आचार्य प्रह्लाद रा जोशी ने कहा, भारतीय परंपरा में इतिहास केवल घटनाओं का संकलन नहीं, बल्कि उन घटनाओं का सांस्कृतिक, दार्शनिक और सामाजिक परिप्रेक्ष्य में विश्लेषण है।
मुख्य वक्ता पूर्वोत्तर क्षेत्र के सुप्रसिद्ध भागवत कथा के प्रवचन कर्ता, भागवत मार्तण्ड, आचार्य पुरुषोत्तम उपाध्याय ने श्रीमद्भागवतपुराण की ऐतिहासिक और दार्शनिक महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा, पुराण केवल कथा-संग्रह नहीं, बल्कि इतिहास का जीवन्त रूप है। इसमें वर्णित घटनाएँ, तत्कालीन समाज, राजनीति और सांस्कृतिक प्रवृत्तियों को समझने का आधार प्रदान करती हैं। श्रीमद्भागवतपुराण हमें धर्म, समाज और राज्यव्यवस्था के परस्पर संबंधों की गहरी अंतर्दृष्टि देता है।
कार्यक्रम का कुशल संचालन, विश्वविद्यालय के पुराणेतिहास विभाग के अध्यक्ष, विवेक आचार्य ने किया। संगोष्ठी में डा. रातुल बुजरबरुवा, डा. रणजीत कुमार तिवारी, डा. निवेदिता गोस्वामी, डा. सुधाकर मिश्र, डा. कमल लोचन आत्रेय, लोपामुद्रा गोस्वामी, डा. चंपक कलिता, रितुपर्णा शर्मा, सहित अनेक प्रतिष्ठित विद्वानों एवं शोधार्थियों एवं अनेक विद्यार्थियों ने संगोष्ठी में सहभागिता की और पुराणों के ऐतिहासिक दृष्टिकोण पर सारगर्भित संवाद किया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में श्री लिराज काफ्ले ने वैदिक मङ्गलाचरण किया।
ध्यातव्य है कि पुराणेतिहास विभाग, जिसकी स्थापना गत दिसंबर माह में हुई थी, का उद्देश्य भारतीय इतिहास के अध्ययन को पारंपरिक एवं आधुनिक दृष्टियों से समृद्ध करना है। इस अवसर पर कुलगुरु महोदय ने विभाग की भावी योजनाओं की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा, इतिहास और पुराण परस्पर पूरक हैं। अतीत के सत्य का अन्वेषण ही उज्ज्वल भविष्य का पथ प्रशस्त करता है। विश्वविद्यालय इस दिशा में और अधिक शोध एवं विमर्श को प्रोत्साहित करेगा।
संगोष्ठी में उठाए गए बिंदुओं ने विद्वानों और शोधकर्ताओं को पुराणों के ऐतिहासिक संदर्भों की नवीन व्याख्या के लिए प्रेरित किया। उक्त व्याख्यान के समापन के साथ ही यह उद्घोष हुआ कि भारतीय ज्ञान परंपरा का यह अमूल्य धरोहर आगे भी अध्ययन और शोध का विषय बना रहेगा।

Share this post:

Leave a Comment

खबरें और भी हैं...

लाइव क्रिकट स्कोर

कोरोना अपडेट

7 Apr
+54°F
8 Apr
+64°F
9 Apr
+66°F
10 Apr
+73°F
11 Apr
+66°F
12 Apr
+68°F
13 Apr
+72°F
7 Apr
+54°F
8 Apr
+64°F
9 Apr
+66°F
10 Apr
+73°F
11 Apr
+66°F
12 Apr
+68°F
13 Apr
+72°F
Weather Data Source: Mississippi Weather

राशिफल