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बोधगया से अनिल मिश्र द्वारा विशेष रिपोर्ट, 17 दिसंबर: बोधगया में आज का दिन ऐतिहासिक रहा जब श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने बिहार की इस पवित्र भूमि पर कदम रखा। उनके साथ श्रीलंका के विदेश मंत्री विजीथा हेराथ, उप वित्त मंत्री अनिल जयंता और उच्चस्तरीय अधिकारियों का एक दल भी उपस्थित था।
सुबह एयरपोर्ट पर श्रीलंका के राष्ट्रपति का स्वागत गया नगर विधायक और बिहार के कैबिनेट मंत्री प्रेम कुमार ने विष्णु चरण भेंट कर किया। वहां से राष्ट्रपति और उनके प्रतिनिधिमंडल को कड़ी सुरक्षा के बीच महाबोधि मंदिर ले जाया गया।
महाबोधि मंदिर पहुंचने पर महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया के महासचिव भंते पी. सिवली थेरो और बीटीएमसी की सचिव डॉ. महाश्वेता महारथी ने राष्ट्रपति का पारंपरिक खादा (सम्मान का दुपट्टा) देकर स्वागत किया। इसके बाद राष्ट्रपति ने महाबोधि मंदिर के गर्भगृह में पूजा-अर्चना की और भगवान बुद्ध से जुड़ी आध्यात्मिक स्थलों का दर्शन किया।
पवित्र बोधिवृक्ष और धर्म घंटा
राष्ट्रपति दिसानायके ने पवित्र बोधिवृक्ष का दर्शन कर ध्यान लगाया और मंदिर परिसर स्थित भगवान बुद्ध से जुड़े सात स्थलों का अवलोकन किया। इसके बाद उन्होंने साधना उद्यान में धर्म घंटा बजाकर शांति और सद्भावना का संदेश दिया।
अस्थि अवशेष का दर्शन
महाबोधि सोसाइटी के जय श्री महाबोधि मंदिर में राष्ट्रपति ने भगवान बुद्ध और उनके शिष्यों के पवित्र अस्थि अवशेष का दर्शन किया। उन्होंने बुद्धभूमि पर लगभग पौने दो घंटे बिताए और बोधगया की आध्यात्मिकता में लीन दिखे।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
राष्ट्रपति के आगमन को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस ने व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए थे। एयरपोर्ट से लेकर महाबोधि मंदिर तक सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध थे। आम जनता के लिए सड़क मार्ग और मंदिर परिसर अस्थायी रूप से बंद कर दिए गए थे।
राष्ट्रपति का प्रस्थान
पूजा-अर्चना और आध्यात्मिक कार्यक्रमों के बाद राष्ट्रपति दिसानायके बोधगया से गया एयरपोर्ट के लिए रवाना हुए। बोधगया में उनका यह दौरा भारत और श्रीलंका के सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक संबंधों को और मजबूत करने वाला साबित हुआ।