संगम का महाकुंभ 2025: एकता का महायज्ञ बनेगा महाकुंभ-पीएम मोदी
प्रयागराज में 5500 करोड़ की 167 परियोजनाओं का शुभारंभ
(शीतल निर्भीक ब्यूरो) प्रयागराज। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को तीर्थराज संगम की पवित्र भूमि से महाकुंभ 2025 की तैयारियों का शुभारंभ करते हुए 5500 करोड़ रुपये की 167 परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने बहुभाषी एआई चैटबॉट ‘कुंभ सहायक’ का उद्घाटन भी किया। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने महाकुंभ को “एकता का महायज्ञ” बताते हुए कहा कि यह आयोजन भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान को नई ऊंचाईयों पर ले जाएगा।
“महाकुंभ, एकता और समरसता का प्रतीक”
प्रधानमंत्री ने कहा, “महाकुंभ हजारों वर्षों से हमारी सांस्कृतिक यात्रा का पुण्य प्रतीक है। यह केवल आयोजन नहीं, बल्कि हमारी आस्था और चेतना का प्रतिबिंब है। संगम में स्नान करने वाला हर श्रद्धालु जाति और धर्म के भेदभाव को मिटाते हुए ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की अद्भुत तस्वीर प्रस्तुत करता है।”
प्रयागराज:आध्यात्मिक अनुभव का केंद्र!
पीएम मोदी ने प्रयागराज की महिमा का वर्णन करते हुए इसे ‘आध्यात्मिक अनुभव क्षेत्र’ कहा। उन्होंने कहा, “तीर्थराज प्रयाग वह स्थान है, जहां धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति संभव है। यहां का प्रत्येक कण पुण्य और पवित्रता से ओतप्रोत है।”
सुविधाओं का नया दौर!
प्रधानमंत्री ने श्रद्धालुओं की सुविधाओं को प्राथमिकता देते हुए कहा कि केंद्र और राज्य की “डबल इंजन” सरकार ने प्रयागराज में नई परियोजनाओं के माध्यम से कुंभ की तैयारियों को नई दिशा दी है। “महाकुंभ में सफाई और कनेक्टिविटी पर विशेष ध्यान दिया गया है। गंगा दूत और गंगा प्रहरी जैसे कार्यक्रमों से स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा रही है।”
राम और निषादराज की मित्रता का प्रतीक!
श्रंग्वेरपुर धाम के विकास पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने भगवान राम और निषादराज की मित्रता को समता और समरसता का संदेश बताया। उन्होंने कहा कि यहां स्थापित होने वाली प्रतिमा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगी।
आध्यात्मिक और सांस्कृतिक ऊर्जा का संगम!
महाकुंभ के महत्व को रेखांकित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “यह आयोजन केवल धार्मिक आस्था तक सीमित नहीं है। यहां संत-महंत, ज्ञानी-विद्वान, और सामान्य जन समाज की चुनौतियों और भविष्य की दिशा पर चर्चा करते हैं।”
स्वच्छ कुंभ का संकल्प!
स्वच्छ महाकुंभ को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि नमामि गंगे और सैनिटेशन प्रोजेक्ट्स के माध्यम से कुंभ को स्वच्छ और भव्य बनाने के प्रयास हो रहे हैं। उन्होंने कहा, “सफाई कर्मियों के प्रति आदर व्यक्त करना और उनके योगदान को सम्मान देना मेरी व्यक्तिगत प्राथमिकता है।”
“महाकुंभ का उद्देश्य पूरी दुनिया को एकता और समरसता का संदेश देना है,” प्रधानमंत्री ने कहा। प्रयागराज में यह आयोजन न केवल भारत की पहचान को नए आयाम देगा, बल्किइसकी चर्चा विश्व स्तर पर होगी।