85 Views
रत्नज्योति दत्ता / नई दिल्ली : शिलचर के एक निजी नर्सिंग होम में आईसीयू में भर्ती अपने प्रिय मित्र संजय विश्वास (लिप्टू) के निधन की खबर रविवार सुबह व्हाट्सऐप पर संदेश के रूप में मिली— “बड़े भैया अब नहीं रहे”।
यह संदेश मित्र-मंडली के लिए गहरा आघात लेकर आया। उत्तराखंड के एक केंद्रीय विश्वविद्यालय में कार्यरत शिक्षक मित्र हिरण्मय रॉय ने पिछली रात ही संजय की गंभीर स्थिति की जानकारी दी थी।
संजय के छोटे भाई, जो दक्षिण असम के जाने-माने वकील हैं, ने उनके जीवन को बचाने की पूरी कोशिश की, परंतु ईश्वर की इच्छा अन्य थी।
गुरुचरण कॉलेज, शिलचर में स्नातक के दौरान संजय और मेरी मित्रता हुई थी।
स्नातक के बाद संजय ने असम विश्वविद्यालय से पढ़ाई पूरी कर अरुणाचल प्रदेश में काम किया। जीवन की व्यस्तताओं में संपर्क कम होता गया, परंतु मित्रता का भाव बना रहा।
इस दौरान संजय ने अपनी पत्नी को खो दिया और अपने एकमात्र पुत्र सोहम के साथ इटानगर से शिलचर लौट आए।
वे मां और पिता—दोनों की भूमिका निभाते हुए सोहम के पालन-पोषण में जुटे रहे।
संजय सामाजिक थे और अपने मित्रों से संपर्क बनाए रखने में आनंद पाते थे।
उनके जाने से मित्र-समुदाय में एक गहरा रिक्त स्थान पैदा हो गया है।
अब सोहम की जिम्मेदारी उसके चाचा जॉय (जॉयदीप बिस्वास) के कंधों पर आ गई है, जिन्हें चाचा और पिता दोनों की भूमिका निभानी होगी।
विश्वास परिवार को हार्दिक संवेदनाएँ और सोहम को ढेर सारा स्नेह।





















