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संस्कृत-भारती, दक्षिण कछाड़ द्वारा संस्कृत जनपद सम्मेलन २०२४ मार्गशीष कृष्ण पक्ष एकादशी को (07 जनवरी 2024) को महिला महाविद्यालय सिलचर में आयोजित किया गया। सम्मेलन का आकर्षण संस्कृत विज्ञान प्रदर्शनी, संस्कृत वस्तु प्रदर्शनी आदि थे। प्रदर्शनी का उद्घाटन असम विश्वविद्यालय के महाविद्यालय विकास परिषद के पूर्व निदेशक डा विभाष देव द्वारा किया गया।
उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता कुमार भास्कर वर्मा संस्कृत एवं पुरातन अध्ययन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो प्रह्लाद आर जोशी ने संस्कृत अध्ययन की आवश्यकता, व्यवसाय, विद्वत परंपरा एवं सुभाषित आदि के बारे विस्तृत से उल्लेख किया।
मुख्य अतिथि असम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राजीव मोहन पंत ने अपने सम्बोधन में संस्कृत भाषा के ज्ञान विज्ञान भंडार एवं निर्मित विभिन्न शास्त्रों का उल्लेख करते हुए संस्कृतभारती के कार्यों की भूरीशः प्रशंसा की और इस क्षेत्र में निर्मित दो संस्कृत ग्रामों का उल्लेख भी किया जिस पर विश्वविद्यालय ने धरोहर नामक डॉक्यूमेंट्री भी बनाई है।
सारस्वत अतिथि स्वामी गुणसिंधु जी महाराज ने सम्मेलन के लिए संस्कृत भारती का अभिनंदन किया। आरंभ में सम्मेलन की प्रस्ताविका देते हुए प्रांत प्रचार प्रमुख डॉ. गोविंद शर्मा ने संस्कृत भारती एवं उनके कार्यों का परिचय दिया एवं इस सम्मेलन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला।
द्वितीय सत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कुछ विद्यालयों के छात्रों गुरुचरण, कछाड़ एवं महिला महाविद्यालय के छात्रों ने विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। असम विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के छात्रों द्वारा एक नाटक का मंचन भी किया गया।
तृतीय सत्र के मुख्य वक्ता संस्कृत भारती पूर्वोत्तर भारत न्यास के अधक्ष डॉ. शंकर भट्टाचार्य ने अपने वक्तव्य में संस्कृत को राष्ट्र भाषा बनाने पर जोर दिया। मुख्य अतिथि नलबाड़ी से आये ईशान क्षेत्र संगठन मंत्री डॉ. रणजीत कुमार तिवारी ने संस्कृत भाषा में निहित विज्ञान आदि उल्लेख किया और बताया कि जहाँ जहाँ से संस्कृत का लोप हुआ वह क्षेत्र राष्ट्र से अलग हो गाया। एक समय मणिपुर भारत देश का मध्य प्रदेश था। और संस्कृत भाषा के अध्ययन में कमी के कारण ही इतने विभाजन हुए है। सारस्वत अतिथि डॉ. विभाष देब ने सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए शुभकामना दी। दक्षिण काछड़ जनपद की अध्यक्ष डॉ. संधानी नाथ ने सभी को धन्यवाद दिया। अंत में पत्राचार द्वारा संस्कृत में उत्तीर्ण प्रतिभागियों को प्रांत विद्वत् परिषद समन्वयक प्रो शान्ति पोखरेल की सहायता से प्रमाण पत्र वितरित किया गया। डॉ. सेवाब्रता भट्टाचार्य, डॉ. दीपांजना पुरकायस्त, नयना गोस्वामी अरिजित सिन्हा, निरूपा धर, मानसी नाथ आदि ने विभिन्न सत्रों का संचालन किया। सम्मेलन के स्वागत समिति के अध्यक्ष प्रो सत्यव्रत चौधरी एवं संपादक कृष्ण ज्योति देब थे । सम्मेलन में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक माननीय शशिकांत चौथायेवाले, प्रांत संपर्क प्रमुख डॉ. केशव लुइटेल, प्रांत मंत्री गौतम चक्रवर्ती, निधुभूषण दास, सुभाष चंद शाह आदि कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
संस्कृत भारती द्वारा जनपद सम्मेलन का आयोजन प्रति तीन वर्षों में मुख्यतः जनपद में अधिक से अधिक संस्कृत भाषा का प्रचार एवं लोगों में संस्कृत अध्ययन के प्रति रुचि जागृत करने के लिए किया जाता है।