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सड़क पर संकट में मदद करने वालों को मिलेगा सम्मान — केंद्र सरकार ने शुरू की ‘राह-वीर’ योजना

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शिलचर, 17 जुलाई: भारत की सड़कों पर हर दिन सैकड़ों दुर्घटनाएं होती हैं — कभी व्यस्त चौराहों पर, कभी सुनसान हाईवे पर, तो कभी अनजान गांव की पगडंडी पर। दुर्घटना होते ही समय जैसे थम जाता है, घायलों की चीख सुनाई देती है, पर मदद के लिए हाथ कम ही उठते हैं। डर होता है — पुलिस पूछताछ, कानूनी झंझट और बेवजह की परेशानी का। ऐसे में केंद्र सरकार ने लोगों की सोच बदलने और मदद करने वालों को प्रोत्साहित करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है।

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सोमवार को ‘राह-वीर योजना’ की औपचारिक शुरुआत की। इस योजना का उद्देश्य है — जो व्यक्ति सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को दुर्घटना के बाद “गोल्डन ऑवर” (पहले 1 घंटे) के भीतर अस्पताल पहुंचाने और इलाज की व्यवस्था करने में मदद करता है, उसे सरकार की ओर से ₹5,000 नगद इनाम और एक आधिकारिक प्रमाणपत्र दिया जाएगा। यदि किसी ने एक से अधिक लोगों की जान बचाई हो, तो वह ₹25,000 तक का इनाम प्राप्त कर सकता है।

यही नहीं, पूरे देश से हर वर्ष चुने गए सर्वश्रेष्ठ 10 ‘राह-वीरों’ को राष्ट्रीय सम्मान और ₹1 लाख का नकद पुरस्कार भी प्रदान किया जाएगा।

मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, “दुर्घटना के तुरंत बाद इलाज शुरू हो जाए तो कई लोगों की जान बचाई जा सकती है। लेकिन बहुत से लोग कानूनी झंझटों के डर से आगे नहीं आते। अब हम लोगों को बताना चाहते हैं कि सरकार न केवल उनके साथ है, बल्कि अब उन्हें आर्थिक पुरस्कार और कानूनी सुरक्षा दोनों मिलेगी।”

गौरतलब है कि 2019 के संशोधित मोटर वाहन अधिनियम और 2020 के नियमों के तहत, किसी घायल की मदद करने वाले व्यक्ति को उसकी सहमति के बिना पुलिस द्वारा किसी प्रकार की पूछताछ या उत्पीड़न नहीं किया जा सकता। अब इस सुरक्षा में सम्मान और प्रोत्साहन भी जोड़ दिया गया है।

पुरस्कार देने की प्रक्रिया भी पारदर्शी और सरल रखी गई है — दुर्घटना स्थल पर मदद करने वाले व्यक्ति को पुलिस या अस्पताल से लिखित प्रमाण पत्र मिलेगा, जिसे जिला कलेक्टर की अध्यक्षता वाली समिति को सौंपा जाएगा। सत्यापन के बाद पुरस्कार राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेज दी जाएगी। मंत्रालय के अनुसार, सभी औपचारिकताएं पूरी होने पर सात दिनों के भीतर राशि भेज दी जाएगी।

भारत में हर साल करीब 1.5 लाख लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवाते हैं और उससे कहीं ज्यादा घायल होते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ‘गोल्डन ऑवर’ में उचित इलाज मिल जाए, तो हजारों जानें बचाई जा सकती हैं।

सरकार को उम्मीद है कि ‘राह-वीर’ योजना से लोगों में मानवीय संवेदना, साहस और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना बढ़ेगी। सड़क पर घायल किसी अनजान व्यक्ति की मदद करने में अब कोई पीछे नहीं हटेगा। यह योजना एक सामाजिक आंदोलन की तरह काम करेगी — जिससे मानवता की नई रोशनी फैलेगी।

“मनुष्य ही मनुष्य के काम आता है” — यही भावना लेकर ‘राह-वीरों’ के साहसिक कदम आगे बढ़ेंगे और कई जीवन नया उजाला पाएंगे।

यह जानकारी शिलचर स्थित सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी गई।

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