हिबजुर रहमान बरभूइया की रिपोर्ट
शिलचर, नर्सिंहपुर 24 जून:
दूर से देखने पर यह कोई धान का खेत लगेगा—जैसे खेत की जुताई हो चुकी है और अब बस धान की रोपाई बाकी है। लेकिन जब पास जाएंगे, तब বুঝবেন—यह कोई खेत नहीं, बल्कि शिलचर-आइजोल राष्ट्रीय राजमार्ग का हिस्सा है, जिसकी हालत इतनी खराब हो गई है कि पहचान करना मुश्किल है।
नर्सिंहपुर इलाके से गुजरने वाला यह महत्वपूर्ण राजमार्ग लंबे समय से प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार है। बरसात के पानी से पूरी सड़क कीचड़ में तब्दील हो गई है। जगह-जगह बने गहरे गड्ढों में पानी भर जाने के कारण सड़क अब किसी खेत का दृश्य प्रस्तुत कर रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह सड़क अब गाड़ियों के लिए नहीं, बल्कि हल चलाने लायक हो गई है। एक बुजुर्ग निवासी ने व्यंग्य करते हुए कहा, “अब इस सड़क पर ट्रक नहीं, बैल चलाना पड़ेगा।”
इस दुर्दशा का असर आम लोगों के जीवन पर गंभीर रूप से पड़ा है। स्कूली छात्र-छात्राओं, दफ्तर जाने वालों और मरीजों को लेकर जाने वाली एंबुलेंस सभी को रोजाना भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा स्थानीय व्यापार पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
ग्रामीणों का आरोप है कि बार-बार शिकायत के बावजूद स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। लोगों ने जल्द से जल्द सड़क की मरम्मत की मांग की है और प्रशासन से इस दिशा में तुरंत कार्रवाई करने की अपील की है।
शिलचर-आइजोल जैसी महत्वपूर्ण संपर्क सड़क की यह स्थिति वास्तव में चिंताजनक है। अगर जल्द कोई उपाय नहीं किया गया, तो यह रास्ता विकास नहीं, बदहाली का प्रतीक बन जाएगा।





















