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कन्या VIRGO
(टो, प, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
शुभरंग
हरा,
हरा,शुभ अंक
5,
5,शुभरत्न
पन्ना,
पन्ना,शुभदिन
बुधवार,
बुधवार,शुभ तारीख
5, 14, 23,
5, 14, 23,ईष्ट
गणेश,
गणेश,शुभ कार्य
गणेश अथर्वशीर्ष और चालीसा का पाठ व बुधवार का व्रत कार्यसिद्ध करेगा,
गणेश अथर्वशीर्ष और चालीसा का पाठ व बुधवार का व्रत कार्यसिद्ध करेगा,शुभमास
वैशाख व ज्येष्ठ,
वैशाख व ज्येष्ठ,मध्यममास
आषाढ़ कार्तिक,
आषाढ़ कार्तिक,मार्गशीर्ष, पौष, माघ व फाल्गुन,
अशुभमास
चैत्र, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन।
चैत्र, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन।मित्र राशि
मेष, मिथुन, सिंह, तुला,
मेष, मिथुन, सिंह, तुला,शत्रु राशि
कर्क, धातु स्वर्ण,
कर्क, धातु स्वर्ण,व्यक्तित्व
दोहरा व्यक्तित्व, विद्वान्, युद्धभीरु, आलोचक, लेखक,
दोहरा व्यक्तित्व, विद्वान्, युद्धभीरु, आलोचक, लेखक,सकारात्मक तथ्य
निरन्तर क्रियाशील, व्यावहारिक ज्ञान,
निरन्तर क्रियाशील, व्यावहारिक ज्ञान,नकारात्मक तथ्य
अति छिद्रान्वेषी,
अति छिद्रान्वेषी,बुराई ढूंढना, कलहप्रिय, अशुभ चिंतक, पौरुषहीनता।
कन्या राशि का स्वामी बुध है। ये द्विस्वभाव रहता है। व्यावहारिक दृष्टि से किसी भी कार्य, बात की गुप्ता रख पाना संभव नहीं होता। उसी से जीवन में समस्याएं बनती- बढ़ती हैं स्थायित्व की कमी व चंचलता की कमी दोनों ही समान रह पाते हैं। आपके विचार, निर्णयों, गंभीरता का चेहरे पर असर तत्काल होता है, जिससे अन्य लोग आपके मन-विचारों को समझ जाते हैं। अधिकतर मामलों में आत्मविश्वास, मानसिक, वैचारिक कार्यकुशलता, स्थिति अनुरूप प्रयास, परिश्रम करते हैं जिसका संतोष रहता है। अपनी जवाबदारी, कर्तव्यबोध रहता है फिर भी आशातीत परिणामों में विलंब होता है। व्यर्थ के मामलों में कई बात अडिग या हठधर्मिता पकड़ लेते हैं। जिस कारण लोग, परिवार को धारणा गलत हो जाती है। सहयोग, प्रेम, स्नेह की दूसरों की तरफ से कमी ही रहती है। पारिवारिक कर्तव्य, जवाबदारी में कमी नहीं रखते। स्वयं की इच्छा, ताकत, अनुभव से निर्वहन करते हैं । बुद्धि-ज्ञान विकास भी बराबर करते हैं । व्यस्तता में भी चिंतन-मनन, एकाग्रता रखते हैं। सामान्य से अधिक वैचारिक, मानसिक साहस आप में रहता है। भगवत-ध्यान, ज्ञानार्जन, सत्संग से भी अपने को जोड़कर आगे लाते हैं। कुदरती-नैसर्गिक अवस्थाओं को भी महत्व देते हैं।
कन्या राशि वालों के संपर्क में आने वाला प्रत्येक व्यक्ति यही समझता है कि उन्हें केवल उसी में सर्वाधिक रुचि है। कन्या राशि का व्यक्ति अत्यन्त रहस्यमय होता है। कन्या राशि वाले लोग बातें बनाने में कुशल तथा विनोद – प्रिय होते हैं। भूमि तत्व से संबंधित यह राशि सेवा, स्वास्थ्य एवं व्यवसाय आदि से संबंध रखती है। इस राशि के लोग अपनी निश्चित योजना की पूर्ति एवं कार्य करने में सफल रहते हैं। कन्या राशि वाले अपने विचार आदि के बारे में लोगों को विशिष्ट ढंग से परिचित कराते हैं। वह किसी के साथ स्थायी रूप से वचनबद्ध नहीं होते। दयालुता का व्यवहार उन्हें आकर्षित करता है। कन्या राशि का स्वामी बुध है। कन्या राशि के व्यक्ति आलोचक तथा विश्लेषक प्रकृति के होते हैं। उनकी आलोचना रचनात्मक न होकर, नाटकीय होती है। कन्या राशि वाले निरंतर क्रियाशील बने रहते हैं। पूर्णता प्राप्त करने का प्रयत्न करते रहते हैं। कन्या राशि का पुरुष स्वयं को योग्य समझने वाला, प्राप्त धन का श्रम द्वारा मूल्य चुकाने वाला, अपने स्तर को बनाए रखने वाला तथा धोखेबाजी से घृणा करने वाला होता है। और सदा अच्छा व्यवहार पसंद करता है। कन्या राशि वाले जातकों में मानसिक गतिशीलता अधिक मिलती है। इनके व्यक्तित्व के दो पक्ष होते हैं। एक वाहक, दूसरा प्रश्न एवं संदेहकर्ता आंतरिक व्यक्तित्व। कन्या राशि वाले व्यक्ति हर काम मनमाने ढंग से करते हैं, इसीलिए कभी-कभी आलसी या उत्साह रहित भी दिखाई देते हैं। विशेषतः इन्हें अच्छे या बुरे संस्कारों का प्रभाव शीघ्र ही होता देखा जाता है। इन लोगों को स्वाभिमान काफी रहता है। ये किसी ज्ञानी व्यक्ति से गुरु मंत्र भी प्राप्त कर लेते हैं। निश्चय के पक्के होते हैं। जो बात एक बार इनके मन में स्थानपा लेती है, तो उसे पूर्ण किए बिना नहीं छोड़ते हैं। इनमें प्रसिद्धि पाने की गुप्त इच्छा भी पाई जाती है। ये सम्मान तथा उच्च पद को भी पाना चाहते हैं। कन्या राशि के पुरुष प्रतिदान के इच्छुक होते हैं। वे त्याग के बदले त्याग ही चाहते हैं। बच्चों में रुचि वाले, अपने रहस्य को गुप्त रखने वाले तथा कुछ कामुक प्रकृति के होते हैं। इन लोगों का जीवन भीतर – बाहर से भिन्न होता है। यश की कामना, परिचित होने की इच्छा, सदैव आकर्षक मित्रों से घिरे रहने की अभिलाषा तथा कुछ अद्भुत कर दिखाने की लालसा इनमें हमेशा पाई जाती है। ये व्यावहारिक, ईमानदार, निष्पक्ष तथा कुछ शर्मीली प्रकृति के होते हैं। अपने में विश्वास रखने वाली स्त्री की ओर इनका आकर्षण होता है। इन्हें उन्मुक्त प्रेम अच्छा लगता है। कन्या राशि वाले मिलनसार तथा सेवाभावी होते हैं। उनके जीवन में आदतों का भारी महत्व होता है। आदतों से मुक्त हो पाना उनके लिए कठिन हो जाता है। इन्हें निष्क्रियता एवं बिना उद्देश्य भावुकता पसंद नहीं होती। प्रारंभिक आयु में उनका झुकाव नैतिकतावाद की ओर होता है। बाद में वह अपनी इस प्रवृत्ति पर काबू पा लेते हैं। कन्या राशि के लोग अच्छी स्मरण शक्ति वाले होते हैं। ये वस्तुओं के बाहरी रूप-रंग से प्रभावित होकर निर्णय लेते हैं। कन्या राशि वाले स्वच्छता पसंद, सुरुचि वाले तथा रीतियों को मानने वाले होते हैं। बहुसंख्यक व्यवहार को अपनाने में इन्हें कोई विरोध नहीं होता। वह नियमों का पालन सहज रूप से करते हैं। कर्तव्य उनके लिए सर्वोच्च स्थान रखता है। कन्या राशि के लोग सौदेबाजी को पसंद करते हैं ।
वर्ष 2025 ईस्वी में कन्या राशि जातकों का स्वास्थ्य
प्रथम तीन महीने स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अच्छे रहेंगे। जिन लोगों को किसी गम्भीर बीमारी के कारण समस्या है, वे इन तीन महीनों के दौरान उचित उपचार लेकर उत्तम स्वास्थ्य लाभ ले सकते हैं। मई माह के बाद पुरानी कब्ज जैसी समस्याओं से लागतार जूझना पड़ेगा। माँसाहारी भोजन से आपको दूरी बनाकर रखनी चाहिये। छोटे बच्चों को अगस्त-सितम्बर के बाद जुकाम और वायरल की समस्या हो सकती है। फिर भी दवाइयों पर आपको ज्यादा धन खर्च नहीं करना पड़ेगा। वर्ष के अन्तिम कुछ महीने में अधेड़ उम्र के व्यक्तियों को आँख से जुड़ी सर्जरी करवानी पड़ सकती है।
प्रथम तीन महीने स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अच्छे रहेंगे। जिन लोगों को किसी गम्भीर बीमारी के कारण समस्या है, वे इन तीन महीनों के दौरान उचित उपचार लेकर उत्तम स्वास्थ्य लाभ ले सकते हैं। मई माह के बाद पुरानी कब्ज जैसी समस्याओं से लागतार जूझना पड़ेगा। माँसाहारी भोजन से आपको दूरी बनाकर रखनी चाहिये। छोटे बच्चों को अगस्त-सितम्बर के बाद जुकाम और वायरल की समस्या हो सकती है। फिर भी दवाइयों पर आपको ज्यादा धन खर्च नहीं करना पड़ेगा। वर्ष के अन्तिम कुछ महीने में अधेड़ उम्र के व्यक्तियों को आँख से जुड़ी सर्जरी करवानी पड़ सकती है।आर्थिक स्थिति
इस वर्ष आपकी आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी रहेगी। आप अपने विलास पर काफी धन खर्च करेंगे। अप्रैल माह में जॉब में पदोन्नति या बदलाव के अवसर मिल सकते हैं। मई महीने के बाद आपको व्यापार में कुछ गिरावट महसूस हो सकती है। जुलाई से सितम्बर के बीच आपके खर्चों में वृद्धि हो सकती है। इस दौरान धन उधार देने से बचें वरना आपका धन वापस मिलने में कठिनाई होगी। जीवनसाथी के माध्यम से आपको धन लाभ अवश्य होगा। शनि की दशम दृष्टि आपकी राशि से चौथे भाव में पड़ेगी जो आपको सम्पत्ति से जुड़े मामलों में भाग्यशाली बनायेगी।
इस वर्ष आपकी आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी रहेगी। आप अपने विलास पर काफी धन खर्च करेंगे। अप्रैल माह में जॉब में पदोन्नति या बदलाव के अवसर मिल सकते हैं। मई महीने के बाद आपको व्यापार में कुछ गिरावट महसूस हो सकती है। जुलाई से सितम्बर के बीच आपके खर्चों में वृद्धि हो सकती है। इस दौरान धन उधार देने से बचें वरना आपका धन वापस मिलने में कठिनाई होगी। जीवनसाथी के माध्यम से आपको धन लाभ अवश्य होगा। शनि की दशम दृष्टि आपकी राशि से चौथे भाव में पड़ेगी जो आपको सम्पत्ति से जुड़े मामलों में भाग्यशाली बनायेगी।कौटुम्बिक एवं सामाजिक
इस वर्ष की शुरुआत में राहु सप्तम भाव पर प्रभाव डालता रहेगा। जीवनसाथी की सेहत को लेकर सजग रहना चाहिये। आप परिवार के साथ काफी अच्छा समय बितायेंगे। सुख और विलास के संसाधनों का भरपूर आनन्द उठायेंगे। पारिवारिक दृष्टिकोण से आप भाग्यशाली रहेंगे। लेकिन कम उम्र के बच्चों की परवरिश पर ध्यान अवश्य बनाये रखना होगा। उनकी शिक्षा में भी अवरोध आने की आशंका रहेगी। जुलाई से नवम्बर के बीच शनि की वक्री स्थिति शत्रुओं में वृद्धि कर सकती है।
इस वर्ष की शुरुआत में राहु सप्तम भाव पर प्रभाव डालता रहेगा। जीवनसाथी की सेहत को लेकर सजग रहना चाहिये। आप परिवार के साथ काफी अच्छा समय बितायेंगे। सुख और विलास के संसाधनों का भरपूर आनन्द उठायेंगे। पारिवारिक दृष्टिकोण से आप भाग्यशाली रहेंगे। लेकिन कम उम्र के बच्चों की परवरिश पर ध्यान अवश्य बनाये रखना होगा। उनकी शिक्षा में भी अवरोध आने की आशंका रहेगी। जुलाई से नवम्बर के बीच शनि की वक्री स्थिति शत्रुओं में वृद्धि कर सकती है।प्रणय जीवन
वैवाहिक जीवन में आपको सुखद परिणाम मिलेंगे। यदि आप किसी प्रेम सम्बन्ध में जुड़े हुये हैं तो आपको विवाह के अवसर मिलेंगे। अप्रैल मास में विवाह योग्य लड़कों का विवाह तय हो सकता है। बृहस्पति का अतिचारी प्रभाव पञ्चम भाव पर स्पष्ट प्रभाव डालता रहेगा। जिसके कारण नि:सन्तान दम्पतियों के घर किलकारी गूँजने के योग बन रहे हैं। महिलाओं को वैवाहिक जीवन में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा। जीवनसाथी आपकी भावनाओं के अनुरूप कई बार काम नहीं करेगा। सितम्बर से नवम्बर के बीच नये प्रेम सम्बन्ध विकसित होने के योग बन रहे हैं।
वैवाहिक जीवन में आपको सुखद परिणाम मिलेंगे। यदि आप किसी प्रेम सम्बन्ध में जुड़े हुये हैं तो आपको विवाह के अवसर मिलेंगे। अप्रैल मास में विवाह योग्य लड़कों का विवाह तय हो सकता है। बृहस्पति का अतिचारी प्रभाव पञ्चम भाव पर स्पष्ट प्रभाव डालता रहेगा। जिसके कारण नि:सन्तान दम्पतियों के घर किलकारी गूँजने के योग बन रहे हैं। महिलाओं को वैवाहिक जीवन में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा। जीवनसाथी आपकी भावनाओं के अनुरूप कई बार काम नहीं करेगा। सितम्बर से नवम्बर के बीच नये प्रेम सम्बन्ध विकसित होने के योग बन रहे हैं।शिक्षा और करियर
जनवरी से मार्च के बीच का समय पढ़ाई के लिये लाभकारक होगा। इस वर्ष आपको स्वयं को सिद्ध करने के बेहतरीन मौके मिलेंगे। करियर में आपको काफी अच्छे अवसर मिलेंगे। लेकिन आपको कार्यक्षेत्र में आपको काफी दबाव का सामना भी करना पडे़गा। शिक्षा को लेकर वर्ष ज्यादा शुभ नहीं रहेगा। छात्र पढ़ाई में ज्यादा ध्यान नहीं दे पायेंगे। कई बार अध्ययन में अवरोधों का सामना करना पड़ेगा। पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों का मन पढ़ाई के बजाय दूसरे कार्यों में लगेगा। तकनीकी विषयों से जुड़े लोगों को परीक्षा में संघर्ष के साथ सफलता मिलेगी। वर्ष का उत्तरार्ध करियर के लिये उत्तम रहेगा।
जनवरी से मार्च के बीच का समय पढ़ाई के लिये लाभकारक होगा। इस वर्ष आपको स्वयं को सिद्ध करने के बेहतरीन मौके मिलेंगे। करियर में आपको काफी अच्छे अवसर मिलेंगे। लेकिन आपको कार्यक्षेत्र में आपको काफी दबाव का सामना भी करना पडे़गा। शिक्षा को लेकर वर्ष ज्यादा शुभ नहीं रहेगा। छात्र पढ़ाई में ज्यादा ध्यान नहीं दे पायेंगे। कई बार अध्ययन में अवरोधों का सामना करना पड़ेगा। पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों का मन पढ़ाई के बजाय दूसरे कार्यों में लगेगा। तकनीकी विषयों से जुड़े लोगों को परीक्षा में संघर्ष के साथ सफलता मिलेगी। वर्ष का उत्तरार्ध करियर के लिये उत्तम रहेगा।उपाय (1)
नित्य 1 घण्टे का मौन व्रत तथा गुरुवार का व्रत रखना सुख-शान्ति विधायक समझें।
नित्य 1 घण्टे का मौन व्रत तथा गुरुवार का व्रत रखना सुख-शान्ति विधायक समझें।उपाय
(2) लगातार 6 बुधवार साबुत मूँगी ( सामर्थ्यानुसार ) धर्मस्थान अथवा पिंगलवाड़ा में दान देना शुभ रहेगा।
(2) लगातार 6 बुधवार साबुत मूँगी ( सामर्थ्यानुसार ) धर्मस्थान अथवा पिंगलवाड़ा में दान देना शुभ रहेगा।
(3) मंगलवार को गौओं को मीठी चपातियां खिलाना शुभ होगा।
(4) बृहस्पतिवार वाले दिन धर्मस्थान पर हलुवा या पॉल मीठे चावलों का लंगर करवाएं तथा बच्चों में केले बाँटना शुभ होगा।
(5) नित्य काले कुत्ते को रोटी खिलायें। प्रत्येक बृहस्पतिवार विष्णु जी के मन्दिर में चने की दाल अर्पित करें।Faujdar Tiwari 6394572299





















