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मध्यम और लघु समाचार पत्रों के प्रतिनिधियों की एक महत्वपूर्ण बैठक आज अंबिकापट्टी में आयोजित की गई। समाचार पत्र उद्योग को बचाने के लिए उपस्थित प्रतिनिधियों ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उल्लेखनीय है कि असम सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा समाचार पत्रों को प्रेषित एक नोटिस के संदर्भ में विशेष चर्चा की गई। असम सरकार से इस विषय में सकारात्मक भूमिका लेने का अनुरोध किया गया। उपस्थित प्रतिनिधियों ने सरकार से निवेदन किया कि सभी समाचार पत्रों के प्रति सरकार को समान भाव से विचार करना चाहिए। समाचार पत्रों को बचाने के लिए नियमों को आसान बनाने के लिए सरकार का ध्यान आकर्षित किया गया।
प्रतिनिधियों का कहना था कि भारत सरकार की सर्वोच्च विज्ञापन संस्था डीएवीपी में भी इतना कड़ा नियम नहीं है ऐसे में राज्य सरकार द्वारा कड़ा नियम किए जाने से समाचार संस्थाएं मुश्किल में पड़ गई है। अब तो ऐसे ही छोटे समाचार पत्रों को कम विज्ञापन मिलता है, ऊपर से इस प्रकार का नियम किसी भी प्रकार से मानने के लिए मीडिया हाउस तैयार नहीं है। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि यथाशीघ्र सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक को उपरोक्त नोटिस स्थगित करने के लिए आवेदन पत्र दिया जाएगा।
बराक उपत्यका लघु और मध्यम समाचार पत्र संस्था के पंजीकरण के लिए जल्द से जल्द आवेदन किया जाएगा। पंजीकरण की प्रस्तुति के लिए संतोष चंद्र, दिलू दास, रानू दत्त तथा विजय देवनाथ चार लोगों की समिति बनाई गई, समिति का सहयोग करेंगे मनतोष धर। सभा में निर्णय लिया गया कि जो मीडिया हाउस संस्था की सदस्यता लेना चाहते हैं, उन्हें ₹1000 शुल्क देकर निर्धारित प्रपत्र पर पंजीकरण प्रमाण पत्र के साथ आवेदन करना होगा। सदस्यता प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद कमेटी का पुनर्गठन किया जाएगा।
बैठक में उपस्थित सदस्यों में पार्थ भट्टाचार्य, देवल अधिकारी, दुर्बा सेन, सत्यनारायण शारदा, मनतोष धर, संतोष चंद्र, दिलू दास, विजय देवनाथ, सोनाली नाथ, रानू दत्त, असीम भट्टाचार्य आदि शामिल थे। वर्तमान परिस्थिति के चलते करीमगंज और हाइलाकांदी के अनुपस्थित सदस्यों ने संस्था के निर्णय के प्रति समर्थन व्यक्त किया। उपरोक्त जानकारी संस्था के महासचिव देवल अधिकारी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में प्रदान की।