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शिलचर 22 अक्टूबर: हिंदीभाषी समन्वय मंच के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रतिष्ठित समाजसेवी गणेश लाल छत्री की धर्मपत्नी श्रीमती रीता देवी का 61 वर्ष की उम्र में कल रात्रि में स्थानीय एक नर्सिंग होम में देहांत हो गया। पिछले शुक्रवार को उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई, शनिवार को उन्हें स्थानीय आर ई नर्सिंग होम में भर्ती किया गया। चिकित्सकों के आर्थिक परिश्रम को व्यर्थ करते हुए देर रात उनकी आत्मा परमात्मा में विलीन हो गई। फकीरटीला में आज उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
शिलांग निवासी रीता देवी का विवाह फकीरटीला निवासी गणेशजी से 18 साल की उम्र में हुआ। सामाजिक और धार्मिक प्रवृत्ति की रीता देवी हंसमुख और मिलनसार स्वभाव की थी। अपने स्नेहपूर्ण आत्मीय व्यवहार से लोगों का मन जीत लेती थी। वे अपने पीछे दो पुत्र नीलम व संजीव, दो पुत्री रितु व नीता, दो पुत्रवधू मीरा व वेणूका सहित भरापुरा परिवार छोड़ गई है। उनके आकस्मिक निधन से आसपास के अंचल में शोक का माहौल व्याप्त हो गया है। हिंदीभाषी समन्वय मंच के महासचिव, वरिष्ठ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप कुमार, प्रेरणा भारती की संपादक श्रीमती सीमा कुमार, वरिष्ठ समाजसेवी रामनारायण नुनिया, स्थानीय प्रदीप कुर्मी, निर्मल कुर्मी सुवचन ग्वाला, शिव कुमार, रितेश नुनिया आदि ने गणेश जी के घर जाकर शोक संवेदना प्रकट की और मृत आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए प्रार्थना की।