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सरकारी आदेश की अवहेलना कर स्कूल में स्टार सीमेंट का कार्यक्रम, बच्चों की जान जोखिम में डालकर मनाया गया पर्यावरण दिवस

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काठीघोड़ा (हिलारा कॉलोनी), ,6 जून 2025 — जब पूरे काछार जिले में भीषण बाढ़ की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा सभी सरकारी और निजी स्कूलों को बंद रखने का निर्देश दिया गया था, तब हिलारा कॉलोनी स्थित नेताजी निचली प्राथमिक विद्यालय (स्कूल नं. 1506) में एक बिल्कुल ही भिन्न और चिंताजनक दृश्य सामने आया।

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सरकार ने यह स्पष्ट निर्देश जारी किया था कि स्कूल बंद होने की स्थिति में छात्र-छात्राएं अपने-अपने घरों पर वृक्षारोपण करेंगे। लेकिन इस सरकारी आदेश की पूरी तरह से अनदेखी करते हुए, स्टार सीमेंट कंपनी ने उक्त विद्यालय में पर्यावरण दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह आयोजन पूरी तरह कंपनी के प्रचार और निजी स्वार्थ के लिए किया गया, जिसमें न केवल सरकारी आदेश का उल्लंघन किया गया, बल्कि बच्चों की सुरक्षा को भी गंभीर रूप से नजरअंदाज किया गया। कार्यक्रम के दौरान एक नाटक का मंचन कराया गया जिसमें छात्रों से धारदार कुल्हाड़ी का उपयोग करवाया गया। एक दृश्य में एक छात्र के सीने के बेहद पास कुल्हाड़ी चलाई गई, जिससे किसी बड़ी दुर्घटना की आशंका पैदा हो गई थी।

स्थानीय निवासी सवाल कर रहे हैं कि— “बाढ़ जैसी आपदा के बीच स्कूल खोलकर बच्चों को बुलाना और फिर धारदार औजारों के साथ नाटक करवाना, अगर कोई दुर्घटना होती तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेता?”

चौंकाने वाली बात यह है कि जो स्टार सीमेंट कंपनी आज पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रही है, वही कंपनी हाल ही में पाद्रिटिल्ला क्षेत्र में सैकड़ों पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और अवैध रूप से पहाड़ काटने जैसे कार्यों में लिप्त रही है, जिससे इलाके का पारिस्थितिक संतुलन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

विद्यालय के प्रधान शिक्षक अनसार उद्दीन बरभुइया ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने यह कार्यक्रम सीआरसी (क्लस्टर रिसोर्स कोऑर्डिनेटर) के निर्देश पर आयोजित किया।
वहीं, ब्लॉक एलीमेंटरी एजुकेशन ऑफिसर राजेश चक्रवर्ती ने स्पष्ट किया,
“सरकारी आदेश के अनुसार जब स्कूल बंद है, तब किसी भी निजी कंपनी को विद्यालय परिसर में कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।”

इस पूरे घटनाक्रम ने कई गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं—क्या छात्रों की सुरक्षा, सरकारी आदेशों का सम्मान और शैक्षणिक संस्थानों की गरिमा अब व्यावसायिक हितों के अधीन हो चुकी है? क्या स्कूल अब निजी कंपनियों के प्रचार मंच बनते जा रहे हैं?

काठीघोड़ा की जनता की अब यही मांग है कि इस घटना की उच्चस्तरीय जांच हो और दोषियों के विरुद्ध सख्त प्रशासनिक कार्रवाई की जाए।

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