173 Views
बराक डेमोक्रेटिक फ्रंट (बीडीएफ) ने काछार के जिला उपायुक्त द्वारा जारी उस आदेश का स्वागत किया है, जिसमें जिले के सभी सरकारी कार्यालयों में अंग्रेज़ी के साथ-साथ बांग्ला भाषा के अनिवार्य उपयोग का निर्देश दिया गया है।
काछाड़ जिला उपायुक्त ने आज एक अधिसूचना के माध्यम से बताया कि असम सरकार के राजनीतिक विभाग की एक पूर्व अधिसूचना के अनुसार जिले के सभी सरकारी कार्यालयों में अब अंग्रेज़ी के साथ-साथ बांग्ला भाषा का उपयोग अनिवार्य कर दिया गया है। इस अधिसूचना में उन्होंने बांग्ला में हस्ताक्षर भी किए हैं। बीडीएफ ने जिला प्रशासन की इस सकारात्मक पहल का स्वागत किया है।
एक प्रेस बयान में बीडीएफ मीडिया सेल के प्रमुख संयोजक जयदीप भट्टाचार्य ने कहा कि बीडीएफ अपने स्थापना काल से ही इस उपत्यका के सरकारी कार्यों में बांग्ला भाषा के उपयोग की मांग करता आ रहा है, क्योंकि इस भाषा के अधिकार की रक्षा के लिए इस उपत्यका के 11 शहीदों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। उन्होंने कहा कि भाषा अधिनियम के उल्लंघन के विरोध में बीडीएफ के मुख्य संयोजक को 18 दिन जेल में भी रहना पड़ा था। इसलिए उपायुक्त का यह आदेश निश्चय ही संतोषजनक है। लेकिन उन्होंने यह भी अपील की कि इस आदेश को सही तरीके से लागू कराने के लिए उपायुक्त सतर्क रहें।
जयदीप ने आगे कहा कि राज्य की एक-तिहाई आबादी बांग्लाभाषी होने के बावजूद अभी तक बांग्ला को राज्य की सह-आधिकारिक भाषा का दर्जा नहीं मिला है। इस विषय पर उन्होंने सरकार से पहल करने की मांग की। साथ ही ‘भाषा शहीद स्टेशन’ का नामकरण शीघ्र तय करने की भी मांग की।
बीडीएफ की ओर से यह जानकारी संयोजक हृषिकेश दे ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी।




















