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प्रे.स. शिलचर, 10 जनवरी: सरला बिड़ला ज्ञान ज्योति सीनियर सेकेंडरी स्कूल में शुक्रवार सुबह 9:30 बजे वार्षिक खेल उत्सव 2025 का शुभारंभ एक भव्य उद्घाटन समारोह के साथ हुआ। यह दो दिवसीय खेल उत्सव स्कूल के खेल प्रांगण में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें छात्रों, शिक्षकों और अतिथियों का उत्साही भागीदारी देखने को मिल रहा है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे जिला खेल संघ के पूर्व अध्यक्ष बाबुल होड़, जिन्होंने विद्यालय के खेल और समग्र विकास में योगदान की सराहना की। कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाने के लिए सम्मानित अतिथियों में असम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर गणभूषण मोलानकाल, असम गोरखा सम्मेलन की बराक वैली क्षेत्रीय शाखा के महासचिव शोभराज गुरुंग, और शिलचर के विशिष्ट व्यक्तित्व उदय शंकर गोस्वामी भी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती अपर्णा फिलिप ने मंच पर उपस्थित अतिथियों का पारंपरिक रूप से स्वागत करते हुए उन्हें उत्तरिय, पुष्पगुच्छ और स्मृति चिह्न भेंट किए। अतिथियों ने छात्रों में प्रतिभा विकास, अनुशासन, और टीम भावना के निर्माण में खेलों की भूमिका पर जोर दिया।
मुख्य अतिथि श्री बाबुल होड़ ने अपने संबोधन में विद्यालय की खेल गतिविधियों की प्रशंसा करते हुए इसे छात्रों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया। प्रधानाचार्या अपर्णा फिलिप ने कहा, “हमारा विद्यालय शिक्षा के साथ-साथ खेल और शारीरिक गतिविधियों के माध्यम से छात्रों के सर्वांगीण विकास पर बल देता है। खेलों के माध्यम से छात्रों और शिक्षकों के बीच एकता और सहयोग को बढ़ावा मिलता है। नियमित खेल-कूद और व्यायाम मानसिक और शारीरिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।”
उद्घाटन समारोह ने दो दिवसीय खेल महोत्सव की ऊर्जा और उत्साह को नया आयाम दिया। इस महोत्सव में विभिन्न एथलेटिक प्रतियोगिताएं और टीम इवेंट्स आयोजित किए जा रहे हैं, जो खेल भावना और एकता का जश्न मनाने का अवसर प्रदान करेंगे।
इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों ने आयोजन को सफल बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। इनमें रिमी डेका, असीमा देवी, सुचरिता नाथ, पायल बणिक, काकली कर, अपारूप सरकार, आनंद किशोर सिंह, कृष्णेंदु दत्त, और खेल शिक्षक रमेश छेत्री सहित अन्य शामिल थे।
विद्यालय समुदाय इस जीवंत और प्रतिस्पर्धात्मक खेल उत्सव का आनंद उठाने के लिए उत्सुक है, जो खेल भावना और भाईचारे का प्रतीक बनेगा।