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सिंगलाछोड़ा चाय बागान, करीमगंज निवासी प्रतिष्ठित और वरिष्ठ नागरिक, पूर्व शिक्षक, समाजसेवी 96 वर्षीय मुरत नारायण कोइरी का पिछले 23 जनवरी को उनके निवास पर स्वर्गवास हो गया। सिंगला छोड़ा प्राथमिक पाठशाला के सन 1948 से संस्थापक शिक्षक रहे मूरत नारायण कोइरी 1991 में रिटायर हुए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद आदि हिंदू संगठनों से सक्रिय रूप से जुड़े मुरत नारायण जी ने राम मंदिर आंदोलन में दुर्लभछोड़ा एरिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मिलनसार और व्यवहार कुशल मुरत नारायण जी एक कर्मठ सामाजिक कार्यकर्ता थे। उनके एकमात्र अधिवक्ता पुत्र मुकुंद लाल कोइरी करीमगंज कोर्ट में पब्लिक प्रासीक्युटर हैं। उनकी दो बेटियां हैं। उनकी एकमात्र पुत्री श्रीमती शांति कोइरी के 2 पुत्र अनूप और मनीष है। मुरत नारायण जी प्रेरणा भारती हिंदी समाचार पत्र के नियमित पाठक थे। दुर्लभछोड़ा के संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता चतुर्भुज शाह ने बताया कि मूरत नारायण जी का व्यवहार बहुत आत्मीयता पूर्ण था, वह सबके अपने थे। भगवान उन्हें मोक्ष प्रदान करें। वरिष्ठ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप कुमार ने प्रेरणा भारती परिवार की ओर से दिवंगत आत्मा के शांति और मुक्ति के लिए कामना की है तथा शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना प्रकट की। स्थानीय युवा सामाजिक कार्यकर्ता विश्वजीत कोइरी ने मृत आत्मा को श्रद्धांजलि ज्ञापित की है।