सिलचर, असम: देशभर में महिला सशक्तिकरण का संदेश फैलाने वाली प्रेरणादायक बाइक राइडर नानी राइडर (असली नाम: पूजा तलाल) का मंगलवार शाम सिलचर पहुंचने पर सोनाई रोड स्थित बाइक सेंटर में भव्य स्वागत किया गया। बाइक सेंटर सिलचर की पहल पर आयोजित इस स्वागत समारोह में स्थानीय बाइक राइडर्स, युवाओं और महिलाओं ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया।
उत्तराखंड से अपनी बाइक यात्रा शुरू करने वाली नानी राइडर ने अब तक राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पांडिचेरी, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम, असम के विभिन्न हिस्सों को पार करते हुए सिलचर तक की यात्रा पूरी की है। उनका उद्देश्य भारत के कोने-कोने में महिला सशक्तिकरण का संदेश पहुंचाना है।
कार्यक्रम के दौरान नानी और उनके सहयात्री मोहित कुमार को पारंपरिक उत्तरिय पहनाकर सम्मानित किया गया और स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। इस अनोखी यात्रा की एक और खास बात यह है कि उनके साथ हुकुम नाम की एक पालतू बिल्ली भी सफर कर रही है, जो इस मिशन की “मूक गवाह” बन चुकी है।
नानी राइडर ने अपने संबोधन में कहा,
“महिला सशक्तिकरण केवल एक शब्द नहीं, बल्कि एक आंदोलन है—जिसका लक्ष्य महिलाओं को निर्णय लेने के अधिकार, सामाजिक सम्मान और आर्थिक स्वतंत्रता दिलाना है।”
उनकी यह यात्रा न केवल लोगों को जागरूक कर रही है, बल्कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक और इंस्टाग्राम के माध्यम से व्यापक स्तर पर इस अभियान का प्रचार-प्रसार भी हो रहा है।
हाल ही में गुवाहाटी में बाइक चोरी हो जाने की घटना का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा,
“असम पुलिस और स्थानीय लोगों की मदद से मैं अपनी बाइक वापस पा सकी। मैं असम और खासकर बराक घाटी के लोगों की दिल से आभारी हूं।”
कार्यक्रम में बाइक सेंटर के मालिक बापन देबनाथ (सुशांत) और स्थानीय राइडर राजदीप दास सहित कई बाइक प्रेमी और सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद थे।
पूरे भारत में 30,000 किलोमीटर की यह यात्रा, साहस, प्रतिबद्धता और सामाजिक परिवर्तन के प्रति एक महिला की असाधारण पहल की मिसाल है।





















