शिलचर, 6 अगस्त:सिलेटी भाषा को “बांग्लादेशी भाषा” कहकर अपमानित करने के आरोप में भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय के खिलाफ शिलचर जिला कांग्रेस ने बुधवार को ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इंदिरा भवन पार्टी कार्यालय से एक आक्रोशपूर्ण रैली निकालकर शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए शहीद खुदीराम बोस की प्रतिमा के पास जमावड़ा किया।
हाथों में तख्तियाँ, बैनर और अमित मालवीय का पुतला लिए कांग्रेस कार्यकर्ता “सिलेटी भाषा का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान”, “भाजपा हाय-हाय”, और “अमित मालवीय जवाब दो” जैसे गगनभेदी नारों से पूरे इलाके को गुंजायमान कर दिया।
बवाल उस समय और बढ़ गया जब प्रदर्शनकारियों ने अमित मालवीय का पुतला जलाने की कोशिश की। मौके पर मौजूद पुलिस और सीआरपीएफ ने तत्काल हस्तक्षेप कर पुतला दहन रोकने की कोशिश की, जिससे धक्का-मुक्की और तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। हालात को काबू में करने के लिए पुलिस ने गैस स्प्रे का भी इस्तेमाल किया, बावजूद इसके प्रदर्शनकारी पुतला जलाने में सफल रहे और अपना विरोध दर्ज कराया।
बाद में कुछ समय के लिए सड़क अवरोध कर दिया गया, जिससे इलाके में अफरा-तफरी फैल गई। पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने स्थिति को नियंत्रण में लेते हुए कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया और शिलचर सदर थाने में ले जाया गया।
घटना के बाद मीडिया से बात करते हुए शिलचर जिला कांग्रेस अध्यक्ष सजल आचार्य, पूर्व मंत्री अजित सिंह, और वरिष्ठ नेता तमाल कांति बनिक ने अमित मालवीय के बयान को न केवल सिलेटी भाषा, बल्कि संपूर्ण बंगाली भाषा और संस्कृति का घोर अपमान बताया। उन्होंने कहा कि जब बंगाली भाषा को केंद्र सरकार द्वारा ‘शास्त्रीय भाषा’ का दर्जा दिया गया है, ऐसे में सत्ता पक्ष के कुछ नेता बार-बार बांग्ला भाषियों को अपमानित कर समाज में विभाजन और नफरत फैलाने की साज़िश कर रहे हैं।
कांग्रेस नेताओं ने अमित मालवीय को ‘अज्ञानी और संवेदनहीन’ करार देते हुए उनके खिलाफ राष्ट्रपति के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
इस बृहद विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस के विभिन्न संगठनों — सेवादल, युवक कांग्रेस, महिला कांग्रेस, NSUI आदि के कार्यकर्ताओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।





















