नई दिल्ली। सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली मोटर व्हीकल एग्रीगेटर और डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर स्कीम 2023 को मंजूरी दे दी. इस स्कीम के पीछे सरकार का मकसद शहर में ग्रीन और सस्टेनेबल मोबिलिटी को बढ़ावा देने के साथ-साथ परिवहन सेवाओं में सुधार करना भी है. हालांकि अभी इस स्कीम को एलजी वीके सक्सेना की मंजूरी मिलना बाकी है.
स्कीम के तहत अब बाइक टैक्सी सेवा प्रदाता कंपनियां दिल्ली में अपनी सेवाएं दे पाएंगी लेकिन शर्त ये है कि बाइक टैक्सी इलेक्ट्रिक होनी चाहिए. पेट्रोल बाइक को सर्विस देने की अनुमति नहीं होगी. स्कीम के तहत डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर्स और ई-कॉमर्स संस्थाओं को अपने पूरे परिवहन बेड़े को 2030 तक इलेक्ट्रिक में बदलना होगा. दिल्ली सरकार ने कहा कि वह प्रदेशवासियों को बेहतर परिवहन मुहैया करने के हर संभव उपाय के लिए प्रतिबद्ध है, इसी के चलते सरकार हरित, टिकाऊ और अर्बन मोबिलिटी को बढ़ावा दे रही है.
केजरीवाल ने कहा, ‘‘आज मैंने ऐतिहासिक दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर और डिलिवरी सेवा प्रदाता योजना को अपनी मंजूरी दी. यह दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. इसके साथ दिल्ली भारत का पहला राज्य/केंद्र शासित प्रदेश बन गया है, जहां एग्रीगेटर, डिलिवरी सेवा प्रदाताओं और ई-कॉमर्स कंपनियों के वाणिज्यिक वाहनों को शून्य-उत्सर्जन वाले इलेक्ट्रिक वाहनों में समयबद्ध तरीके से बदलना अनिवार्य है.’’
1500 से ज्यादा बाइक टैक्सी ड्राइवरों ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखकर मांग की है कि उन्हें भी बाकी सर्विस प्रोवाइडर्स की तरह ईवी में बदलने के लिए बराबर की समय सीमा दी जाए. इस लेटर को अरविंद केजरीवाल, गौतम गंभीर और परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को भी भेजा गया है. उन्होंने कहा कि यह उनकी इनकम का अकेला जरिया है जिसके बंद होने पर भरण-पोषण का संकट खड़ा हो जाएगा.