सीएम ने जननी व जन्मभूमि की सेवा का आह्वान किया
•सीएमने उल्फा से शांतिवार्ता का अनुरोध किया
विधानसभा भवन दिसपुर से विशेष प्रतिनिधि द्वारा, २४ मई: विधानसभा अध्यक्ष विश्वजीत दैमारी ने आज पंद्रहवे असम विधानसभा के प्रथम अधिवेशन के अंतिम दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर पक्ष-विपक्ष के तकरार के बाद विपक्ष के आरोपों का करारा जवाब देते हुए मुख्यमंत्री हिमंत विश्वशर्मा ने कहा कि चाय जनगोष्ठी, अनुसूचित जाति-जनजाति, अल्पसंख्यक महिला मेरे पांच साल की सरकार के केन्द्र में रहेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे मुख्यमंत्री का दायित्व मिला है, मैं पिछली सरकार के धारा को अव्याहत रखते हुए काम करुंगा। कांग्रेस सरकार के समय जो आय ४२ हजार थी, सर्वानंद सोनोवाल के समय ८४ हजार हो गयी। कांग्रेस के समय बोडोलैंड, कार्बी आंगलांग, गौहाटी, सहित पूरे प्रदेश में अशांति और दंगा फसाद चल रहा था। इसके विपरीत पिछले पांच साल शांति, सौहार्द था। कोई हिन्दू-मुस्लिम दंगा नहीं हुआ। पहलीबार कोई गैर कांग्रेसी सरकार लगातार दूसरी बार विजयी हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गतिशील, जीवंत, प्राणवान विधानसभा राज्य का अधिकार है। उन्होंने परेश बरुआ का धन्यवाद करते हुए कहा कि उन्होंने मेरे अपील को महत्व देते हुए रितुल सैकिया को मुक्त किया। सरकार और अल्फा के बीच वार्ता का वातावरण निर्माण करना है। सम्पूर्ण असम में शांति स्थापित हो। बोड़ो, कार्बो, सभी जगह शांति रहे, इसके लिए जो प्रयास करना है. करेंगे।
सीएम ने कहा की अखिल गोगोई की चार महीने से मानसिक चिकित्सा चल रही है, उनको विधानसभा में कैसे बैठा सकते हैं। यदि वो स्वस्थ हैं तो जेल जाना होगा, अस्वस्थ हैं तो चिकित्सा चलेगी। आगे कहा कि प. बंगाल और असम का स्वास्थ्य बजट एक समान है। अन्य राज्य की तुलना कर सकते हैं किन्तु कांग्रेस ने जो गैप तैयार किया है, उसे पूरा करना आसान नहीं है। असम एकमात्र राज्य है जो दूसरे राज्यों को भी आक्सीजन दे रहा है। पूरे पूर्वोत्तर मेघालय, अच्णाचल, नागालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा एवं मिजोरम को आक्सीजन सप्लाई असम कर रहा है। झारखंड को २००० इंजेक्शनन असम ने भेजे, तेलंगाना को भी भेजा।
रिपुन बोरा ने लिखित शिकायत किया कि डॉ.हिमंत विश्वधर्मा हास्पिटल में क्यों घूम रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि असम का पाजीटिबीटी रेट ५% पर आ गया है. पहले भी असम एक नंबर पर था, इस बार भी रहेगा। एक समय असम देश से मांग रहा था, आज दे रहा है। एक लाख युवकों को गिन गिन कर रोजगार दिया जाएगा। पहले भी मुख्यमंत्रियों
ने जनता से रिलीफ हेतु सहयोग मांगा, हमने भी परंपरा के अनुसार जनभागीदारी के लिए सहयोग मांगा है। दान लेना-देना देश की परंपरा है, किन्तु जोर जबरदस्ती नहीं। किसी ने ५० तो किसी ने १०१ भी दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत भारतीय संस्कृति की भाषा है, सत्र की जमीन का अतिक्रमण नहीं करने देंगे, जो हुआ है, उसे खाली करवायेंगे। उन्होंने कहा कि जुलाई में अगला अधिवेशन होगा, सबको बोलने का पर्याप्त मौका मिलेगा। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि असम की उन्नति के लिए एक-एक करके सब काम पांच साल में करेंगे, देश के पांच श्रेष्ठ राज्य में असम को शामिल करुंगा। जननी और जन्मभूमि की सेवा से बड़ा और कुछ नहीं है, और इसी कार्य में सभी नियोजित हो यही आग्रह है।
नवनिर्वाचित विधायक रणोज पेगु ने कहा कि सरकार कोविड महामारी से जनता को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री आधी रात को मी मरीजों का हाल-चाल लेने हास्पिटल जाते हैं। केरल और दिल्ली में पूर्ण लाकडाउन के बाद भी कंट्रोल नहीं हुआ किन्तु असम में आंशिक लॉकडाउन बावजूद कोविड मालमों में कमी आई है।
विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया ने प्रश्न किया कि असम समझौता जिसमें ८५० लोग शहीद हुए, उसका कोई उल्लेख नहीं। डॉ. रकिबुल इस्लाम ने कहा कि बहुत स्कूल में पद खाली है. रिटायरमेन्ट के एक महीने के भीतर रिक्त पदों पर नियुक्तिदी जाए। विधायक करीमुद्दीन बरभुईंया ने कहा कि रेवेन्यु जेनरेशन के लिए पांच साल का रोड मैप बनाना चाहिए, उसकी चर्चा नहीं हुई। पिछले १५ सालों में महासड़क पेण्डिंग, शिलचर से काशीपुर सड़क आठ साल से अपूर्ण है, पेपर मिल बंद है। पाथरकांदी के विधायक ने अपना वक्तव्य प्रदान करते हुए कहा कि २डीजी मेडिसीन बनाने वाली टीम के एक चिकित्सक जो करीमगंज के हैं, जुबली पुरकायस्थ का अभिनंदन करता हूँ। द. करीमगंज के विधायक कमलाक्ष दे पुरकायस्य ने कहा कि जुबली पुरकायस्थ को असम सरकार द्वारा सम्मानित करना चाहिए, भारत सरकार ने ३५ हजार करोड रुपया कोबिड के लिए दिया वो क्या हुआ? यदि रुपया मिला है तो जनता से पैसा क्यों ले रहे हैं।
जयंत मल्ल बरुआ ने कहा कि असम ने हमेशा विदेशियों से मुकाबला किया और उन्हें परास्त किया। वर्तमान मुख्यमंत्री भी इसी प्रकार आगे बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री के ट्वीट में प्रतिदिन कोरोना टेस्टिंग, डेथ, वैक्सीन सारा डिटेल दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने पहले ही कहा है कि असम को देश के पांच श्रेष्ठ राज्यों में शामिल करुंगा। असम की चिकित्सा व्यवस्था इतनी उन्नत है कि दिल्ली से एयर एम्बुलेंस से चिकित्सा के लिए मरीज आते हैं। आप के नेता ने वैक्सीन के खिलाफ बक्तव्य दिया, वातावरण खराब किया।
मुख्यमंत्री जो दिनरात काम कर रहे हैं, व्यक्तिगत फण्ड से रुपया दे रहे हैं। उनकी प्रशंसा करके उत्साह बढ़ाने के बजाय, निंदा करने से क्या फायदा? जो सरकार २१८८ करोड़ रुपया एनआरसी में निवेश कर रही है, उस पर ये आरोप लगाना कि वैक्सीन के लिए पैसा नहीं है, इसलिए चंदा मांग रहे हैं। ये ठीक नहीं है। मुख्यमंत्री जनता की भागीदारी चाहते हैं। गोहत्या का व्यवसाय अब और नहीं चलेगा।
विधानसभा में प्रश्न किया गया कि एनआरसी फाइनल तालिका घोषित हो चुकी है। इसमें केन्द्र, राज्य और एनआरसी कोआर्डिनेटर सभी शामिल थे। अभी इसे नहीं मानना १०-२० प्रतिशत रिवैरीफिकेशन की योजना का क्या उद्देश्य है?
पियुष हजारिका ने जवाब देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निगरानी में भारत सरकार और राज्य सरकार की सहायता से एनआरसी प्रक्रिया हुई है। इसमें भूल हुआ, इसकी जिम्मेदारी असम सरकार नहीं ले सकती, इसलिए पुनर्निरीक्षण की मांग की गयी है।