धेमाजी (असम), 07 फरवरी । मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने बुधवार को असम भवन और अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड-पंजीकृत निर्माण श्रमिकों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए धेमाजी जिले के गोगामुख में एक निर्माण कौशल प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन किया। असम सरकार और लार्सन एंड टुब्रो की एक संयुक्त पहल, निर्माण कौशल प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के लिए कौशल प्रशिक्षण वृद्धि प्रदान करने, श्रमिकों से पर्यवेक्षकों तक निर्माण उद्योग में प्रशिक्षित संसाधनों को संरेखित करने, प्रशिक्षुओं को भविष्य के कौशल और आधुनिक तकनीक से जोड़ने और बेरोजगार युवाओं को रोजगार योग्य निर्माण कौशल के साथ प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से की गई है।
इस अवसर पर बोलते हुए, मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने कहा कि राज्य भर में चल रही बड़े पैमाने पर निर्माण गतिविधियों से यहां बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। उन्होंने कहा कि अपेक्षित कौशल की कमी के कारण राज्य के युवा रोजगार के अवसरों के लिए देश के अन्य राज्यों की ओर पलायन कर रहे हैं और वहां बेहद कम वेतन वाली नौकरियां कर रहे हैं। उन्होंने राज्य के युवाओं को नए जमाने के आधुनिक तकनीकी कार्यों में प्रशिक्षित करने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि वे देश के साथ-साथ विदेशों में भी उपलब्ध अच्छे भुगतान और लाभकारी नौकरी के अवसरों का सर्वोत्तम उपयोग कर सकें। उन्होंने कहा कि राज्य के युवाओं के कौशल को निखारने के उद्देश्य से, असम सरकार ने एल एंड टी के साथ हाथ मिलाया है और आज उद्घाटन किया गया निर्माण कौशल प्रशिक्षण केंद्र उसी समझौते का परिणाम है। यह कहते हुए कि आने वाले दिनों में राज्य में कई प्रमुख छत सौर पैनल परियोजनाएं शुरू की जाएंगी, मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने युवाओं से खुद को सौर प्रौद्योगिकी में प्रशिक्षित करने की अपील की ताकि इस क्षेत्र में रोजगार और कमाई के अवसर सामने आएं। उन्होंने कहा कि एलएंडटी के निर्माण कौशल प्रशिक्षण केंद्र में दाखिला लेने वालों को छत पर सौर पैनल लगाने का प्रशिक्षण देने के लिए कहा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एलएंडटी निर्माण कौशल प्रशिक्षण केंद्र में 90 दिवसीय प्रशिक्षण पूरा करने वालों को रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगा। गोगामुख में निर्माण कौशल प्रशिक्षण केंद्र को महज शुरुआत बताते हुए सीएम डॉ. सरमा ने कहा कि सरकार नलबाड़ी और जोरहाट जिलों में भी इसी तरह के संस्थान स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विभिन्न क्षेत्रों में अत्याधुनिक कौशल प्रशिक्षण साबित करने के लिए प्रतिबद्ध है और आगामी कौशल विश्वविद्यालय, जिसका निर्माण कार्य जारी है, उस प्रतिबद्धता की अभिव्यक्ति है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सरकारी क्षेत्रों में रिक्त पदों को भरने के लिए पूरी ताकत से आगे बढ़ रही है।
आज के कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री डॉ. रनोज पेगू, कौशल, रोजगार और उद्यमिता मंत्री जयंत मल्लाबारुवा, श्रम कल्याण मंत्री संजय किशन, मिसिंग स्वायत्त परिषद के मुख्य कार्यकारी सदस्य परमानंद चायेंगिया, सांसद सदस्य प्रदान बरुवा, विधायक मनाब डेका, असम सरकार के प्रधान सचिव बी. कल्याण चक्रवर्ती और एलएंडटी के शीर्ष अधिकारी, कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।